बालाघाट

श्रीगोकुलधाम गौशाला में लगातार मर रहे मवेशी, चार दिनों में दो मवेशियों की हो चुकी मौत, दो गंभीर

न समूह, न गौरक्षक और न समाज सेवी दे रहे ध्यान

3 min read
Mar 23, 2025
न समूह, न गौरक्षक और न समाज सेवी दे रहे ध्यान

तुमको बहुत कुछ देने वाली मैं एक दाता हूँ और कोई नहीं मैं तुम्हारी प्यारी गौ माता हूँ। लेकिन जिले की गौशाला में गाय सहित अन्य पालतु मवेशी सुरक्षित हैं। गौशाला में होने के बावजूद इन मुक मवेशियों की लगातार मौत हो रही है। ताजा मामला लालबर्रा के बगदेही स्थित श्रीगोकुल धाम गौशाला का सामने आया है। यहां पिछले चार दिनों में दो मवेशियों की अकारण मौत हो चुकी है। दो मवेशी गंभीर अवस्था में बताए जा रहे हैं। गौ शाला का संचालन करने वाले समूह की अध्यक्ष मवेशियों की मौत को हादसा बता रहीं हैं। गौरक्षक गौशाला संचालन और मवेशियों के खान पान को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार बगदेही में सन 2020 में करीब 38 लाख की लागत से गौशाला का निर्माण किया गया। वर्तमान में इस गौशाला के संचालन की संपूर्ण जिम्मेदारी गोंडवाना स्व सहायता समूह बगदेही को सौंपी गई है। इसके लिए बकायदा बजट भी प्रदान किए जाने की जानकारी समूह कर्मचारियों ने दी। बावजूद इसके गौशाला में मवेशी कमजोर होकर मर रहे हैं।

चार दिनों में दो मवेशियों की मौत

गौ रक्षक शुभम डेहरे के अनुसार श्रीगाकुलधाम गौशाला में बुधवार को एक और शनिवार को एक मवेशी की मौत हो गई। वर्तमान में दो और मवेशी ऐसे हैं जो सही से चल फिर नहीं पा रहे हैं। अन्य मवेशियों में भी कमजोरी जा रही है। इन्होंने बताया कि वर्तमान में गौशाला में दो कर्मचारी नियमित रूप से मवेशियों की देखभाल और साफ सफाई क लिए रखे गए हैं। लेकिन मवेशियों की सही देख भाल व सेवा नहीं होने से मवेशियों में कमजोरी आ रही है और बीमार होकर अकाल की मर रहे हैं।

पर्याप्त भोजन, पानी का अभाव

शुभम के अनुसार गौशाला में वर्तमान में करीब 95 मवेशी है। लेकिन इनके लिहाज से पर्याप्त भोजन व पानी की व्यवस्था नहीं बनाई जा रही है। मवेशियों को चराने के लिए बाहर भी नहीं ले जाता है। पैरा व नमक वाला पानी पीकर किसी तरह से मवेशियों को पाला जा रहा है। पोष्टिक खुराक और बाहर चाराहाग का चारा नहीं मिलने से मवेशियों में कमजोरी आ रही है उनकी सेहत बिगड़ रही है। उन्होंने इस विषय पर चिंता जाहिर करते हुए मामले को गंभीरता से लिए जाने की मांग भी की है।

अध्यक्ष व कर्मचारी दे रहे सफाई

मवेशियों की मौत के मामले में समूह की अध्यक्ष तेजवंती उइके व कर्मचारियों का कहना है कि उनकी मौत हादसे में हुई है। उइके के अनुसार गौशाला के कुछ मवेशी कमजोर है, नए मवेशियों के आने पर गौशाला में मवेशियों के बीच संघर्ष होता है। ऐसे में कमजोर मवेशियों को धक्का लगने पर वे गौशाला में बनाए गए चारागाह में गिरकर चोटिल हुए। इसके बाद उनकी मौत हो गई। उइके के अनुसार इसके लिए वे प्रयास कर रहीं हैं। नए व पुराने मवेशी अलग-अलग रहें और उनमें टकराव न हो इसके लिए गौशाला में अलग अलग गाले तैयार किए जा रहे हैं।
वर्सन
गौशाला में मवेशियों को पर्याप्त व पोष्टि भोजन नहीं मिल रहा है। करीब 10 मवेशियों के हिसाब का भोजन 30 से 35 मवेशियों को दिया जाता है। ऐसे में मवेशी कमजोर तो होंगे ही। मै भी यहां सेवा करने पहुंचता हॅू।
शुभम डेहरे, गौरक्षक लालबर्रा

गौशाला में करीब 95 मवेशी है। उनका गोबर उठाने, सफाई करने में ही पूरा समय लग जाता है। इस कारण मवेशियों को बाहर चराने लेकर नहीं जा पाते हैं। बाकी सेवा हमारे द्वारा की जाती है।
देवेन्द्र कावरे, कर्मचारी

हम समय समय पर गौशाला पहुंचकर मवेशियों का चेकअप करते हैं। उन्हें उपचार भी दिया जाता है। मवेशियों का करने का कारण वरिष्ठ ही बता सकते हैं। पर्याप्त व पोष्टिक भोजन को भी कारण माना जा सकता है।
डॉ कुसुम कुसरे, पशु चिकित्सक लालबर्रा

मवेशियों की जान आपसी लड़ाई के कारण गई है। हम अपनी तरफ से पूरा प्रयास करते हैं। गौशाला में नए व पुराने मवेशियों के लिए अलग-अलग गाले बनाए जा रहे हैं। गहरे चारागाह को भी सुधारा जा रहा है।
तेजवंती उइके, समूह अध्यक्ष

फैक्ट फाइल-
:- श्रीगोकुलधाम गौशाला बगदेही।
:- गोंडवाना स्व सहायता समूह करता है संचालन।
:- गौशाला में वर्तमान में कुल 95 मवेशी।
:- बुधवार को एक व शनिवार को एक की मौत।
:- दो मवेशी अब भी गंभीर स्थिति में
:- बाहर चराने लेकर जाने की नहीं व्यवस्था।
:- हर चारे व पोष्टिक चूरे की भी नहीं व्यवस्था।
:- दो कर्मचारियों के भरोसे 95 मवेशियों के देखभाल की जिम्मेदारी।

Also Read
View All

अगली खबर