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पाथरगांव में पंचायत भवन की जमीन को लेकर टकराव

प्रस्तावित जमींन से अलग निर्माण कार्य करवाए जाने के आरोप पंचों ने शिकायत कर जांच व निर्माण कार्य पर रोक लगाने की मांग

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प्रस्तावित जमींन से अलग निर्माण कार्य करवाए जाने के आरोप

प्रस्तावित जमींन से अलग निर्माण कार्य करवाए जाने के आरोप

जनपद लांजी के ग्राम पाथरगांव में पंचायत भवन निर्माण की जगह को लेकर गांव में विवाद लगातार भडक़ता जा रहा है। बड़ी संख्या में ग्रामीण कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और पूरे विवाद की निष्पक्ष जांच तथा निर्माण कार्य पर तत्काल रोक लगाने की मांग की। ग्रामीणों का आरोप है कि भ्रम फैलाकर पंचों से हस्ताक्षर करवाया गया, वहीं प्रस्ताव दूसरी जमीन का भेजा गया है। ग्रामवासियों ने बताया कि सरपंच ने सामान्य समिति की बैठक में धोखे से पंचों से हस्ताक्षर करवा लिए और खसरा नंबर 310 की भूमि पर पंचायत भवन निर्माण का प्रस्ताव भेज दिया, जबकि इस बारे में सही जानकारी न पंचों को दी गई और न ही ग्रामवासियों को। जब तथ्य सामने आए तो पंचों ने तत्काल लिखित आपत्ति देकर प्रस्ताव का विरोध किया। ग्राम सभा ने खसरा नंबर 289/1 को सबसे उपयुक्त माना था। ग्रामीणों के अनुसार ग्रामसभा की बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय हुआ था कि पंचायत भवन का निर्माण खसरा नंबर 289/1 की भूमि पर हो, क्योंकि यह स्थान मुख्य सडक़ के पास है और स्कूल, आंगनबाड़ी सहित अन्य सार्वजनिक सुविधाओं से भी निकट है। जनपद अधिकारियों ने भी निरीक्षण के बाद इसे उपयुक्त पाया था।

जांच समिति पर पक्षपात के आरोप

ग्रामीणों का कहना है कि हाईकोर्ट के निर्देश पर कलेक्टर ने नए सिरे से स्थल जांच का आदेश दिया था, लेकिन जिस जांच दल को भेजा गया, उसने ग्रामीणों और पंचों को सूचना दिए बिना केवल सरपंच की मौजूदगी में एक तरफा निरीक्षण किया और गलत तथ्यों वाली रिपोर्ट भेज दी। ग्रामीणों के अनुसार खसरा नंबर 289/1 को अतिक्रमण युक्त बताना पूरी तरह झूठ है और जमीन पूरी तरह साफ है।

ठप हो जाएगी गतिविधियां

ग्रामीणों ने बताया कि जिस स्थान खसरा नंबर 310 पर सरपंच निर्माण करवा रहे हैं, वह गांव की एकमात्र खुली जमीन है, जहां बच्चे खेलते हैं। साप्ताहिक बाजार लगता है, सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है। यदि यहां भवन बना दिया गया तो गांव की गतिविधियां ठप हो जाएंगी और बच्चों के पास खेलने तक की जगह नहीं बचेगी। ग्रामीणों ने सरपंच पर पंचायत की राशि का दुरुपयोग, घटिया निर्माण कार्य कराने, बिना लाइसेंस मेडिकल स्टोर चलाकर गरीबों को ठगने जैसे आरोप लगाए हैं। निर्माण पर रोक व निष्पक्ष जांच की मांग की गई है।