ग्राम पंचायत पुलपुट्टा में लाखों का भष्ट्राचार उजागर, ग्रामीणों ने की शिकायत, जांच के लिए गठित टीम ने माना दोषी
बालाघाट. स्वर्ग में जिनका धाम हो गया है, (स्वर्गवास) उनसे (दस्तावेजों के अनुसार) शासन की विभिन्न योजनाओं में काम करवाया गया है। यह कारनामा खैरलांजी जनपद क्षेत्र की ग्राम पंचायत पुलपुट्टा का सामने आया है। यहां पर सरपंच-सचिव, रोजगार सहायक, उपयंत्री और सरपंच पति-पुत्र ने मिलकर लाखों रुपए का भष्ट्राचार कर शासकीय राशि का गबन किया है। भष्ट्राचार इस चरम सीमा तक हुआ है कि मृत व्यक्ति के नाम पर भी राशि आहरण कर ली गई।
ग्रामीणों ने पूरे मामले की शिकायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी सहित अन्य अधिकारियों से की थी। इसके बाद मामले की जांच करने के लिए एक टीम का गठन किया गया। जिसने शनिवार को ग्राम पंचायत पहुंचकर जांच की। जिसमें सरपंच-सचिव को दोषी पाया गया है। जांच दल ने रिपोर्ट तैयार कर अग्रिम कार्रवाई के लिए जांच रिपोर्ट सीईओ को सौंप दी है।
इन योजनाओं में किया गोलमाल
पूर्व सरपंच सुनील बिन्झाड़े, पंच नुतन जमघाड़े, गंगाराम नगपुरे, ओमकार सोनवाने, भेजनलाल सोनवाने, विश्वेश्वर सोनवाने, दुर्गाबाई सुहागपुरे, हर्षद सोनवाने, देवेन्द्र बागड़े, ग्रामीण लीला सुहागपुरे, ओमप्रकाश वाघाड़े, संजय ताण्डेकर, भेजनलाल, किशोर लिम्बाजी, नर्मदा भालेराम, मनोज तांडेकर सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत पुलपुट्टा में सरपंच शांता बाई धुर्वे, सचिव एवं उपयंत्री विजय सूर्यवंशी ने पुलिया निर्माण, मिनाक्षी तालाब, सीसी सड़क, शौचालय निर्माण, प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी योजनाओं में जमकर भष्ट्राचार किया है। निर्माण कार्यों में फर्जी हाजिरी भरी गई तथा निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग किया गया है। मृत महिला अनुसईया का नाम दर्ज कर राशि आहरित कर ली गई। जबकि कहीं पर बिना निर्माण कार्य किए ही राशि निकाल ली गई। यह सब कुछ सरपंच-सचिव तथा उपयंत्री की सांठ-गांठ से हुआ है।
कड़ी कार्रवाई की मांग
महिला सरपंच पर आरोप लगाने के अलावा ग्रामीणों ने सरपंच पति रतनलाल धुर्वे एवं पुत्र योगराज पर भी कई आरोप लगाए हैं। ग्रामीण रूपचंदा देवारे ने सरपंच पति पर आवास योजना का लाभ दिलाने के नाम पर 5 हजार रुपए मांगने का आरोप लगाया। इसी तरह धुरपता बाई ने सरपंच पुत्र पर अंतेष्टि सहायता राशि दिलाने के नाम पर राशि मांगने का आरोप लगाया। ग्रामीण संदीप ने बताया कि सरपंच पुत्र ने पीएम आवास के नाम पर उससे भी 3 हजार रुपए मांगे गए। रमेश सोनवाने का कहना है कि उसने 4 हजार रुपए लिए गए। नर्मदा बाई बताती है कि वह राशि देने में सक्षम नहीं थी। इस कारण उसे मिलने वाली अंतेष्टि सहायता राशि नहीं दी गई। जांच दल ने बताया कि बिना सीसी सड़क निर्माण किए राशि निकाली गई है। ग्रामीणों ने निष्पक्ष तरीके से जांच एवं दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई तथा दोषी पाए जाने पर उनकी सारी संपत्ति जब्त करने की मांग की है।
इनका कहना है।
ग्रामीणों की शिकायत पर शनिवार को पंचायत पहुंचकर जांच की गई। लेकिन सचिव नदारद रहे दस्तावेज के अभाव में अभी जंाच पूरी नहीं हो पाई है। हालांकि एक जगह देखने में आया कि सड़क निर्माण के पूर्व ही सामग्री क्रय करने के नाम पर राशि का आहरण किया गया है।
सुरेश श्रीवास्त्री, पंचायत इंस्पेक्टर