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नाली निर्माण में अनियमितता, ग्रामीणों में आक्रोश

निमार्ण कार्य को लेकर सरपंच प्रतिनिधी और ग्रामीणों में हुई तीखी नोक झोंक

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टाईड की राशि से बडग़ांव म में बन रही सीसी नाली

टाईड की राशि से बडग़ांव म में बन रही सीसी नाली

बालाघाट/लांजी। जनपद क्षेत्र की ग्राम पंचायत बडग़ांव म में टाईड मद की राशि से 100 मीटर सीसी नाली का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। लागत 2 लाख से अधिक की बताई गई। लेकिन नाली निर्माण कार्य पूर्ण होने से पूर्व ही विवादों में आ गया है। ग्रामीणों का आरोप है की नाली निर्माण में सरपंच प्रतिनिधि कोमलसिंह भगत इंजीनियर के साथ मिलकर गुणवत्ताहीन निर्माण करवा रहा है। नाली का निर्माण कार्य स्टीमेट के आधार पर नहीं किया गया है। ग्रामीणों को परेशानी हो रही है।
ग्रामीणों ने बताया की 100 मीटर नाली निर्माण की स्वीकृति के बाद भी लगभग 200 मीटर नाली के लिए गड्ढा खोद दिया गया है। इस गड्ढे में कभी भी कोई अनहोनी घटना घटित हो सकती है। ग्रामीणों ने सरपंच प्रतिनिधि से शिकायत की, वे ग्रामीणों पर ही बिफर पड़े। इस दौरान दोनों पक्ष के बीच तीखी नोक झोंक होने की जानकारी भी सामने आ रही है।

दोनों पक्षों के बीच हुई कहासुनी
बडग़ांव म में नाली निर्माण के लिए गड्ढा खोदा गया है और 100 मीटर नाली निर्माण के बाद लगभग इतना ही स्थान खुला रह जाएगा। भरन की जवाबदारी भी ग्राम पंचायत ने नहीं ली। ऐसे में ग्रामीण अपने घरों में ही कैद हो जाएंगे। इस संबंध में ग्रामीणों ने सरपंच प्रतिनिधी से कहा की जब नाली का निर्माण 100 मीटर ही करना था तो ज्यादा नाली क्यों खो दी गई है, तो उनके द्वारा ग्रामीणों को हडक़ाते हुए कहा गया की जब तुम लोगों को राजनीति ही करना है तो मुझसे कोई सवाल मत करो। अगर सब चुपचाप रहते तो इतनी ही राशि में पूरे ग्राम में नाली का निर्माण हो जाता। जिस पर ग्रामीणों ने भी आपत्ति लेते हुए सरपंच प्रतिनिधी को खूब खरी खोटी सुनाई और गुणवत्ता पूर्ण निर्माण कराने के लिए कहा। साथ ही ज्यादा खोदे गए स्थान को वापस मिट़्टी से भरने के लिए कहा।

इंजीनियर ने नहीं किया निरीक्षण
ग्रामीणों के अनुसार जब से नाली का निर्माण शुरू हुआ है, तब से इंजीनियर ने एक बार भी यहां अपने कदम नहीं रखे हैं। नाली निर्माण की गुणवत्ता का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। मौका स्थल पर निर्माण कार्य के लिए जो रेत उपयोग में लाई जा रही है, वह भी मिट्टी से सनी हुई थी। ग्रामीणों ने बताया की नाली में जो सलाखें इस्तेमाल में लाई गई है, वह भी 8 एमएम की है। जबकि 10 एमएम का लोहा नाली में लगना चाहिए था।

इनका कहना है।
आपके द्वारा मामले को संज्ञान में लाया गया है। नाली निर्माण की गुणवत्ता जांच के लिए असिस्टेंट इंजीनियर आरईएस को अवगत कराया गया है। मौका स्थल पर जाने के निर्देश दिए गए हंै।
कमलचंद्र सिंहसार, एसडीएम लांजी