
सुबह बाघ से आमना-सामना की दास्तान सुनाई ‘पत्रिका’ को - वन विभाग ने शुरू की सर्चिंग, ग्रामीणों में दहशत
बालाघाट. जिला मुख्यालय से करीब पांच किमी दूर वारासिवनी परिक्षेत्र के ग्राम बरबसपुर में शुक्रवार की सुबह छह बजे कमला उइके का बाघ से आमना-सामना हो गया। सुबह में कमला घर के बाड़ी के पास से गुजर रही थी उसी समय अचानक सडक़ पार कर बाघ सामने आ गया। बाघ की आवाज से जब उनकी नजर उससे मिली तो उनके होश उड़ गए।
कमला ने ‘पत्रिका’ को बताया कि बाघ से नजर मिलते ही वह दाएं तरफ चार हाथ (करीब चार फीट) बढ़ी और बाड़ी को कवर करने के लिए बनाए गए लकडिय़ों के घेरे से चिपक गई। जबकि बाघ एक कदम भी दाएं-बाएं नहीं हुआ। वह अपनी मस्ती में आगे बढ़ता गया। कमला बताती है कि वह जब बाघ मेरे पास से गुजर रहा था तो एक बार पुन: मेरी तरफ देखा।
बताया कि उस समय मेरी धडकऩ तेज हो गई थी। बाघ के आगे बढऩे के बाद वह घर में गई और परिजनों को इससे अवगत कराया, जब सब लोग बाहर आए तो बाघ दूर जंगल की ओर जा चुका था। इसकी जानकारी होते ही बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर इक_ा हो गए। सूचना के बाद वन विभाग का अमला भी मौके पर पहुंच गया। गांव के पास स्थिति जंगल तक सर्चिंग तेज कर दी गई है।
वनकर्मियों ने बताया कि कक्ष क्रमांक 509 से बाघ निकलकर बरबसपुर से कोपे होकर कायदी की ओर जंगल में गया है। वन अमले को अनुमान है कि बाघ वापस आ सकता है। इसके मद्देनजर वनकर्मियों की तैनाती कर दी गई है। ग्राम में मुनादी कराकर लोगों को अकेले जंगल में नहीं जाने और रात में अकेले घूमने से मना किया गया है। बाघ के पगमार्ग मिले हैं, जिसे देखकर उसके मेल होने का अनुमान लगाया जा रहा है। रेंजर छत्रपाल सिंह जादौन, डिप्टी रेंजर भास्कर उइके, वनरक्षक आलोक पटले, कुंवरलाल नगपुरे, भवानी प्रसाद बिसेन, तुषार, दीपेंद्र मरकाम आदि रहे।
Published on:
28 Dec 2025 07:31 pm
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