बाड़़ारेव में गोड़ी साहित्य सम्मेलन संपन्न
तिरोड़ी। तहसील अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत कोयलारी के ग्राम बाड़ारेव में आदिवासी समुदाय के द्वारा इस साल भी बड़ी ही धूमधाम एवं उत्साह के साथ प्रकृति शक्ति बड़ादेव पूजन एवं गोंडी धर्म गोड़ी साहित्य सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस मौके पर परंपरानुसार विधि-विधान से सुबह 9 बजे कलश शोभायात्रा निकाली गई। जिसने समुचे गांव का भ्रमण किया। दोपहर 12 बजे कार्यक्रम अध्यक्ष श्यामलाल उइके एवं मुख्य अतिथि सुशीला धुर्वे, संध्या धुर्वे तथा विशिष्ट अतिथि सरपंच विजय सोनवाने की उपस्थिती में फड़ापेन महागोंगो आराधना की गई। इस सम्मेलन में उपसरपंच बस्तीराम कोकाड़े, देवराज पन्द्रे, सखाराम इनवाती, सदाराम भलावी, रामकृष्ण परते, आंनद कोड़ोपे, अमरलाल सलामे, नरेश परते, धनराज परते, सुभाष राउत, फुलचंद मसराम, सुखदेव सलामे सहित अन्य स्वजातीय बंधु तथा ग्रामीणजन मौजूद रहे।
कार्यक्रम में सर्वप्रथम इष्टदेव, बड़ादेव की पूजन कर आदिवासी समाज के उन तमाम लोगों को याद किया गया, जिनका इतिहास से लेकर वर्तमान समय तक महत्वपूर्ण योगदान रहा है। वहीं आदिवासी समाज और परंपरा के अनुसार स्वागत गीत एवं विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति हुई। सम्मेलन को संबोधित करते हुए सरपंच विजय सोनवाने ने कहा कि आदि काल से प्रकृति के समीप निवास कर विभिन्न कलाओं का विकास आदिवासियों ने किया है। हमारे देश ही नही बल्कि पूरे विश्व मे अलग-अलग जगह निवास करने वाले जनजातीय समूहों द्वारा प्रकृति से उनके गहरे प्रेम के माध्यम से प्रकृति को संरक्षित करने का संदेश दिया जाता रहा है। सुभाष राउत ने समारोह आयोजन समिति को संविधान की पुस्तक भेंट की। कार्यक्रम को सफल बनाने में अध्यक्ष धनीराम मर्सकोले, उपाध्यक्ष दिनेश राऊत, कोषाध्यक्ष लक्ष्मीचंद धुर्वे, जयकिशोर उइके, प्रेमदास इनवाती, हुकुमशाह कुड़वेती, हेमराज परते, मनीलाल परते, मंशाराम इनवाती, ईश्वर मर्सकोले, राधेलाल मसराम का सराहनीय सहयोग रहा।