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Problem-अंधेरे में रात गुजारते हैं ग्रामीण, नहीं मिल रही बिजली की सुविधा

ग्राम हर्राडीह जंगलों के बीच बसा हुआ है। इस गांव में पूरी तरह से बैगा आदिवासी ही निवास करते हैं। गांव की आबादी करीब 200 है। यहां लगभग 70 बैगा परिवार निवास करते हैं। लेकिन उन्हें बिजली सुविधा नहीं मिल पा रही है। ग्रामीण काफी परेशान है। नाराज ग्रामीणों ने जिला मुख्यालय पहुंचकर कलेक्टर से […]

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बिजली की सुविधा

घर में लगा विद्युत कनेक्शन।

ग्राम हर्राडीह जंगलों के बीच बसा हुआ है। इस गांव में पूरी तरह से बैगा आदिवासी ही निवास करते हैं। गांव की आबादी करीब 200 है। यहां लगभग 70 बैगा परिवार निवास करते हैं। लेकिन उन्हें बिजली सुविधा नहीं मिल पा रही है। ग्रामीण काफी परेशान है। नाराज ग्रामीणों ने जिला मुख्यालय पहुंचकर कलेक्टर से बिजली सुविधा मुहैया कराए जाने की मांग की है।

बालाघाट. घर-घर विद्युत कनेक्शन है, घरों में मीटर है और गांव में विद्युत के पोल भी है। बावजूद इसके घरों में बिजली नहीं है। यह समस्या पिछले 6 वर्षों से बनी हुई है। ग्रामीणों ने इसकी शिकायत भी की। लेकिन किसी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। जिसके चलते समस्या जस की तस बनी हुई है। बिजली नहीं होने से ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मामला जिले के नक्सल प्रभावित ग्राम पंचायत देवरबेली के बैगा बस्ती ग्राम हर्राडीह का है।
जानकारी के अनुसार ग्राम हर्राडीह जंगलों के बीच बसा हुआ है। इस गांव में पूरी तरह से बैगा आदिवासी ही निवास करते हैं। गांव की आबादी करीब 200 है। यहां लगभग 70 बैगा परिवार निवास करते हैं। लेकिन उन्हें बिजली सुविधा नहीं मिल पा रही है। ग्रामीण काफी परेशान है। नाराज ग्रामीणों ने जिला मुख्यालय पहुंचकर कलेक्टर से बिजली सुविधा मुहैया कराए जाने की मांग की है। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में बिजली नहीं होने से सबसे ज्यादा दिक्कतें बारिश के दिनों में होती है। जहरीले जीव-जंतुओं के काटने की संभावना अधिक हो जाती है। इसके अलावा गांव जंगलों के बीच बसा होने के चलते रात्रि में हिंसक वन्य जीवों के हमले की भी संभावना रहती है। ग्रामीण भय के बीच अपना जीवन-यापन करते हैं।
पहले विद्युत से रोशन था गांव
ग्रामीणों का कहना है कि 6 वर्ष पहले गांव विद्युत से रोशन था। हर घर में बिजली थी। लेकिन आंधी-तूफान में विद्युत खंभे और केबल खराब हो गए। जिसके कारण गांव की बत्ती गुल हो गई है। विभाग को इसकी सूचना भी दी गई। लेकिन विभागीय अमले ने अभी तक इसकी मरम्मत नहीं कराई है। जिसके कारण समस्या जस की तस बनी हुई है।
6 वर्षों से पड़े हैं विद्युत केबल, खंभे
ग्रामीणों के अनुसार आंधी-तूफान में विद्युत केबल और खंभे गिर गए थे। जो वहीं पड़े हुए हैं। जिसके कारण अब केबल भी पूरी तरह से खराब हो गए हैं। विभाग ने सूचना के बाद भी न तो केबल को उठाया और न ही खंभों को सही किया। जिसके चलते अब केबल और खंभे दोनों खराब हो गए हैं। करीब 6 वर्षों से गांव में बिजली नहीं है। जिसके कारण ग्रामीण काफी परेशान है।
नहीं हो रही सुनवाई
ग्रामीणों का कहना है कि गांव में बिजली सहित अन्य सुविधाएं प्रदान किए जाने के लिए अनेक बार गुहार लगा चुके हैं। अभी तक किसी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। ग्रामीणों ने बताया कि क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के अलावा प्रशासनिक अधिकारियों, विभाग को भी अनेक बार ज्ञापन दिया जा चुका है। लेकिन सुधार की दिशा में किसी ने सकारात्मक कदम नहीं उठाया है।
इनका कहना है
पिछले 6 वर्षों से गांव में बिजली नहीं है। आंधी-तूफान के कारण विद्युत केबल, खंभे गिर गए थे। जिन्हें समय पर विभाग ने नहीं उठाया। अब वे खराब हो गए। अनेक बार इसकी शिकायत की गई। लेकिन किसी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
-योगेश कुमार, ग्रामीण


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