
शिविर में बच्चे की जांच करते डॉक्टर।
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत शनिवार को शीघ्र हस्तक्षेप केंद्र में जन्मजात बाल ह्रदय रोग जांच शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का निरीक्षण कर कलेक्टर मृणाल मीणा ने जानकारी प्राप्त की। साथ ही उन्होंने जांच शिविर में अपने बच्चों को लेकर आए अभिभावकों व जांच के लिए आमंत्रित बॉम्बे व जबलपुर के चिकित्सों से चर्चा भी की।
बालाघाट. राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत शनिवार को शीघ्र हस्तक्षेप केंद्र में जन्मजात बाल ह्रदय रोग जांच शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का निरीक्षण कर कलेक्टर मृणाल मीणा ने जानकारी प्राप्त की। साथ ही उन्होंने जांच शिविर में अपने बच्चों को लेकर आए अभिभावकों व जांच के लिए आमंत्रित बॉम्बे व जबलपुर के चिकित्सों से चर्चा भी की।
सीएमएचओ डॉ मनोज पाण्डेय ने बताया कि जन्म से 18 वर्ष तक हृदय रोग से पीडि़त बच्चों के लिए यह शिविर आयोजित किया गा। शिविर में जिले से चिन्हित बच्चों को लाया गया। शिविर में 189 बच्चों का पंजीयन किया गया। उन सभी बच्चों की शिशु हृदय रोग विशेषज्ञों ने ईको से मशीन से जांच की। शिविर का शुभारंभ सांसद भारती पारधी, नपा अध्यक्ष भारती ठाकुर के हस्ते किया गया। डीइआइसी मेनेजर आरआर चक्रवर्ती ने बताया कि शिविर में मंडला जिले से 1, सिवनी जिले से 5 और जबलपुर जिले से 1 बच्चा पहुंचा। जिनकी जांच की गई। जिसमें सिवनी से 3, मंडला से 1 बच्चे को सर्जरी के लिए एस्टीमेट दिया गया। जाबलपुर के तीनों बच्चों को फॉलोअप चेकअप किया गया। शिविर में 189 बच्चों का पंजीयन किया गया। जिसमें 74 बच्चों का ईको मेट्रो हॉस्पिटल से व 115 बच्चों का ईको नारायण हृदयालय मुंबई ने किया। मेट्रो हॉस्पिटल ने 16 बच्चों का फॉलोअप चेकअप किया। 7 बच्चे को तीन माह के बाद फॉलोअप, 18 बच्चों को सर्जरी के लिए चयनित किया गया। जांच में 37 बच्चे नॉर्मल पाए गए। इसी प्रकार नारायण हृदयालय मुंबई ने 32 बच्चों को सर्जरी के लिए चयनित किया। 50 बच्चे नॉर्मल पाए गए। 23 बच्चों का फॉलोअप किया गया। वहीं 10 बच्चो को मुम्बई में पुन: जांच के लिए बुलाया गया है। इस प्रकार कुल 50 बच्चो को सर्जरी के लिए चयन किया गया।
Published on:
24 Aug 2024 09:29 pm
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