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यूपी का यह गांव रच रहा इतिहास, 52 साल से संसद में इस गांव के बेटों की गूंज रही आवाज

आजाद भारत का एक ऐसा गांव जिसके बेटे सबसे अधिक समय तक रहे संसद में आजाद भारत की लड़ाई में भी प्रमुख योगदान रहा है इस क्षेत्र का

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Ibrahimpatti

यूपी का यह गांव रच रहा इतिहास, 52 साल से इस गांव के बेटों की गूंज रही संसद में आवाज

बागी बलिया का इब्राहिमपट्टी गांव(Ballia district village Ibrahimpatti) एक बार फिर इतिहास रच रहा है। देश को युवा तुर्क चंद्रशेखर (ChandraShekhar)जैसा राजनीतिज्ञ देने वाला इब्राहिम पट्टी पहला ऐसा गांव है जिसने भारतीय राजनीति के इतिहास में सबसे लंबे समय तक संसद में अपना प्रतिनिधित्व कराया है। इब्राहिमपट्टी के लाल पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर (Ex PM ChandraShekhar) व उनके बेटे नीरज शेखर(Neeraj Shekhar) 52 साल संसद के किसी न किसी सदन में रहे हैं। केवल इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए चंद्रशेखर चुनाव हार गए थे।

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यूपी के बलिया का नाम आते ही जेहन में इब्राहिमपट्टी भी आ जाता है। बलिया जिला मुख्यालय से काफी दूर एक एेसा गांव जो राजनीति की इतिहास का मील का पत्थर है। इसी गांव की माटी ने देश को एक जुझारू व इरादे का पक्का नेता दिया था जिसे देश-दुनिया युवा तुर्क चंद्रशेखर के नाम से जानती और सम्मान करती थी। पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर भारतीय राजनीति के एक ऐसे धु्रव रहे हैं जो जीवन में केवल एक चुनाव हारा हो। जीवन के आखिरी क्षण तक वह संसद के सदस्य रहे।

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पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर 1962 में पहली बार राज्यसभा में पहुंचे थे। वह राज्यसभा (RajyaSabha)में 1977 तक रहे। 1977 में वह पहली बार बलिया लोकसभा क्षेत्र से चुने गए। इसके बाद वह लगातार संसद में पहुंचे। चंद्रशेखर केवल 1984 का लोकसभा चुनाव हारे। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi)की हत्या के बाद हुए लोकसभा चुनाव में देश की जनता ने कांग्रेस के पक्ष में सहानुभूति वोट दी थी और विपक्षी दिग्गजों को भी हार का सामना करना पड़ा था।
पूर्व पीएम चंद्रशेखर के जीवन के आखिरी क्षण तक बलिया के सांसद रहे। जुलाई 2007 में उनके निधन के बाद बलिया में उपचुनाव हुआ। समाजवादी पार्टी ने उनके पुत्र नीरज शेखर को चुनाव मैदान में उतारा और एक बार फिर इब्राहिमपट्टी का दूसरा बेटा संसद पहुंच गया। 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में भी नीरज शेखर सांसद चुनकर लोकसभा पहुंचे। लेकिन 2014 में वह चुनाव हार गए। परंतु इब्राहिमपट्टी का प्रतिनिधित्व संसद में बरकरार रहा। समाजवादी पार्टी ने नीरज शेखर को राज्यसभा में भेज दिया।

लेकिन बीते जुलाई माह में सांसद नीरज शेखर ने समाजवादी पार्टी से इस्तीफा देकर भाजपा में जाने का ऐलान कर दिया। कुछ दिन पहले ही राज्यसभा सदस्य पद से भी इस्तीफा दे दिया। एक बार फिर भाजपा ने उनको राज्यसभा में भेजा है। वह यूपी से फिर संसद में इब्राहिमपट्टी का प्रतिनिधित्व करने जा रहे।

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