सरकारी सिस्टम दिव्यांगों के लिए फेल हो गया है। ग्राम हरदी (डौंडीलोहारा) निवासी दोनों पैर से बचपन से दिव्यांग 23 वर्षीय चमन लाल साहू इन दिनों ट्रायसाइकिल व पेंशन के लिए विभागों के चक्कर काट रहे हैं।
बालोद. जिले का सरकारी सिस्टम दिव्यांगों के लिए फेल हो गया है। ग्राम हरदी (डौंडीलोहारा) निवासी दोनों पैर से बचपन से दिव्यांग 23 वर्षीय चमन लाल साहू इन दिनों ट्रायसाइकिल व पेंशन के लिए विभागों के चक्कर काट रहे हैं। दोनों पैर से पूरी तरह से दिव्यांग होने के बाद भी जिला अस्पताल ने 40 प्रतिशत दिव्यांगता का मेडिकल प्रमाण पत्र बनाकर दिया है। इससे उनके पिता नाराज हैं।
40 प्रतिशत दिव्यांगता का प्रमाण पत्र दिया गया
चमनलाल के पिता मनहरण लाल साहू ने बताया कि 40 प्रतिशत दिव्यांगता का प्रमाण पत्र दिया गया है। इसका कोई उपयोग व लाभ नहीं मिल रहा। दिव्यांगता प्रतिशत बढ़ाना चाहिए, जिससे शासन की योजनाओं का लाभ मिल सके। मंगलवार को आयोजित जनदर्शन में दिव्यांग चमन लाल अपने पिता के साथ पहुंचे। दिव्यांगता का प्रतिशत बढ़ाने, पेंशन व ट्रायसाइकिल दिलाने की मांग की।
जनपद से लेकर कलेक्ट्रेट तक चक्कर
चमन लाल ने बताया कि वह बचपन से दोनों पैर से दिव्यांग है। उसे शासन की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता। इसके लिए जनपद व कलेक्ट्रेट के भी चक्कर लगा चुके हैं। कोई सुनवाई नहीं हुई।
पिता हाथों से उठाकर बैठाते हैं मोटरसाइकिल पर
पिता मनहरण ने बताया कि दिव्यांग बेटा चमन को हाथों से उठाकर मोटरसाइकिल में बैठाते हैं। उनकी मांग है कि ट्रायसाइकिल मिल जाए तो आने जाने में आसानी होगी।