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CG सर्व आदिवासी समाज का चक्काजाम, बालोद में ट्रेन रोकी, राजनांदगांव में NH किया जाम, 12 सूत्रीय मांगों को लेकर आर्थिक नाकेबंदी

छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज ने सोमवार को अपनी 12 सूत्रीय मांगों को लेकर अलग-अलग जिलों में धरना प्रदर्शन और नेशनल हाइवे जाम किया।

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बालोद

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Dakshi Sahu

Aug 30, 2021

CG सर्व आदिवासी समाज का चक्काजाम, बालोद में ट्रेन रोकी, राजनांदगांव में NH किया जाम, 12 सूत्रीय मांगों को लेकर आर्थिक नाकेबंदी

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राजनांदगांव/बालोद. छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज ने सोमवार को अपनी 12 सूत्रीय मांगों को लेकर अलग-अलग जिलों में धरना प्रदर्शन और नेशनल हाइवे जाम किया। बालोद में आदिवासी समाज के लोगों ने झलमला में प्रदर्शन करते हुए पुरुर-बालोद-मानपुर-मोहला की ओर जाने वाली नेशनल हाइवे को जाम कर दिया। कई घंटों तक आदिवासी समाज के लोग सड़कों पर डटे रहे। चक्काजाम से वाहनों के आवागन में भी दिक्कत होता देखा पुलिस को मोर्चा संभालना पड़ा। पुलिस ने किसी तरह प्रदर्शनकारियों को समझाते हुए सड़क खाली कराया। इधर कई आदिवासी समाज के नेता बालोद रेलवे ट्रेक पर बैठ गए जिसके कारण दुर्ग-बालोद पैसेंजर ट्रेन को दल्ली राजहरा में ही रोक दिया गया।

राजनांदगांव में नेशनल हाइवे किया जाम
इधर राजनांदगांव में जिला इकाई के नेतृत्व में हजारों आदिवासी 12 सूत्रीय मांगों को लेकर नागपुर-रायपुर नेशनल हाइवे रोड पर चिचोला में सुबह 11 बजे पहुंच गए। नेशनल हाइवे जाम करके अपनी मांगों को सरकार के समक्ष रखा। एक दिवसीय जिला स्तरीय आर्थिक नाकेबंदी सह चक्काजाम से राहगीरों को खासी परेशानी हुई। फिलहाल आदिवासी समाज के हजारों लोग अभी भी सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। राज्य के सभी जिलों में प्रदर्शन को देखते हुए सुरक्षा की दृष्टि से भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।

इन मांगों को लेकर किया प्रदर्शन
आदिवासी समाज ने नेताओं ने बताया कि बस्तर के सिलगेर में निर्दोष ग्रामीण आदिवासियों की पुलिस गोलीबारी में मौत हो गई थी। उनके परिजनों को उचित मुआवजा एवं शासकीय नौकरी देने और बस्तर में नक्सल समस्या का स्थायी समाधान करने, पदोन्नति में आरक्षण देने, शासकीय नौकरी में बैकलॉग एवं नई भर्तियों पर आरक्षण रोस्टर लागू करने, पांचवीं अनुसूची में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी भर्ती में शत-प्रतिशत आरक्षण लागू करने, खनिज उत्खनन के लिए जमीन मालिक को शेयर होल्डर बनाने तथा गौण खनिज का पूरा अधिकार ग्राम सभा को देने, फर्जी जाति प्रमाण पत्र धारियों पर कार्रवाई करने आदि की मांग को लेकर आर्थिक नाकेबंदी और चक्काजाम किया गया।

मोहला-मानपुर को आदिवासी जिला घोषित करने की मांग
18 जनजातियों को जाति प्रमाणपत्र जारी करने, छात्रवृत्ति योजना हेतु आय सीमा ढाई लाख से बढ़ाकर 8 लाख करने, गैर आदिवासी लड़का से शादी करने वाली आदिवासी समाज की लड़की को आदिवासी समाज की जाति प्रमाण पत्र का लाभ नहीं देने, आदिवासी समाज पर जातिगत अत्याचार करने वाले को कड़ी सजा देने, आदिवासी बेरोजगारों के लिए रोजगार का अवसर प्रदान करने, मोहला-मानपुर-चौकी जिला को आदिवासी जिला घोषित करने, पारंपरिक ग्रामसभा के रूढ़ीगत परम्परा का उल्लंघन करने वाले तथाकथित बाबा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग को लेकर आर्थिक नाकेबंदी एवं चक्काजाम किया गया। इस दौरान सर्व आदिवासी समाज के जिलाध्यक्ष जसवंत घावड़े, उदय नेताम, श्यामदास मंडावी, एवन आचले, मदन नेताम, पवन चन्द्रवंशी, सुरेन्द्र मंडावी, देशराम कोर्राम, सुरेश रावटे, नरेंद्र मंडावी, शोभित चन्द्रवंशी आदि ने जिला के आदिवासी समाज प्रमुख मौजूद रहे।