बालोद

नाचा-गम्मत की विधा को बचाने में जुटे डोमार सिंह पद्मश्री से होंगे सम्मानित

छत्तीसगढ़ से लुप्त होते छत्तीसगढ़ी हास्य गम्मत नाचा कला विधा को बचाने 48 साल लगभग 5200 मंचों में नाचा की प्रस्तुति करने वाले लाटाबोड़ निवासी कलाकार डोमार सिंह कंवर को केंद्र सरकार पद्मश्री से सम्मानित करेगी। इसके लिए उनके नाम का चयन किया गया है।

2 min read
पद्मश्री डोमार सिंह कंवर

बालोद. छत्तीसगढ़ से लुप्त होते छत्तीसगढ़ी हास्य गम्मत नाचा कला विधा को बचाने 48 साल लगभग 5200 मंचों में नाचा की प्रस्तुति करने वाले लाटाबोड़ निवासी कलाकार डोमार सिंह कंवर को केंद्र सरकार पद्मश्री से सम्मानित करेगी। इसके लिए उनके नाम का चयन किया गया है। पद्मश्री के लिए चयन के बाद जिले के कलाकारों में उत्साह व खुशी है। इस उपलब्धि के लिए जिला प्रशासन ने गणतंत्र दिवस पर सरयू प्रसाद अग्रवाल स्टेडियम में महिला बाल विकास मंत्री अनिला भेंडिया व कलेक्टर कुलदीप शर्मा ने सम्मानित किया गया।

12 साल की उम्र से नाचा की दे रहे प्रस्तुति
लाटाबोड़ निवासी 73 साल के डोमार सिंह कंवर बचपन में 12 साल की उम्र से अपने स्कूल में नाचा व गम्मत की प्रस्तुति कर दिल्ली के मंच में मंचन कर चुके हैं। लुप्त होते नाचा गम्मत व अपनी संस्कृति को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। डोमार सिंह कंवर ने बताया कि पहली बार स्कूल में ही मंच पर उतरे और नाट्य प्रतियोगिता में दिल्ली तक चयन हुए। लगातार नाचा में परी व डाकू सुल्तान की भूमिका निभा रहे हैं।

150 से प्रेरणादायक गीत लिखे, तीन फिल्म भी बनाई
वे छत्तीसगढ़ के अलावा देशभर में 5200 हजार से ज्यादा मंचों पर नाचा की प्रस्तुति दे चुके हैं। 150 से ज्यादा प्रेरणादायक लोक गीत, पर्यावरण, नशामुक्ति, कुष्ठ उन्मूलन के गीत के साथ छत्तीसगढ़ी मन के बात मन म रहिगे सहित तीन छत्तीसगढ़ी फिल्म भी बनाई है। अब बीते 10 साल से 100 से अधिक छोटे बच्चों को भी नाचा गम्मत सिखा रहे हैं। लोक संस्कृति को सहेजने व उनके प्रचार प्रसार के लिए राज्य शासन, संस्कृति विभाग व जिला प्रशासन सहित विभिन्न सामाजिक व सांस्कृतिक एवं धार्मिक संगठन सम्मान भी कर चुके हैं।

नशा व अपराध न करने का दिलाते हैं संकल्प
उन्होंने बताया कि वह हर मंच में जब नाचा की प्रस्तुति करते हैं तो अंत में सभी को शराबखोरी व अपराध नहीं करने का संकल्प दिलवाते है।

फूहड़ता बिगाड़ रही हमारी संस्कृति
उन्होंने कहा कि उनकी उनकी नाचा पार्टी में अश्लीलता व फूहड़ता नाचा में नहीं रहती, लेकिन वर्तमान में कई ऐसे संस्था व गायक हैं, जो सिर्फ गंदे व फूहड़ता भरे गाना बनाकर व अश्लीलता के साथ नृत्य कर छत्तीसगढ़ की संस्कृति को बिगाडऩे का प्रयास कर रहे हैं, जो चिंता का कारण है।

Published on:
27 Jan 2023 11:10 pm
Also Read
View All

अगली खबर