बालोद

ओपीडी में हर तीसरा व्यक्ति वायरल फीवर से पीडि़त, बच्चों व बुजुर्गों पर रखें नजर

ठंडे- गर्म के साथ बदलते मौसम का असर लोगों के स्वास्थ्य पर पडऩे लगा है। अस्पतालों की ओपीडी में हर तीसरा व्यक्ति वायरल फीवर से पीडि़त पहुंच रहा है। इनमें ज्यादा बच्चे व बुजुर्ग शामिल हैं। विशेषज्ञों ने लोगों को बीमारी से बचने व छोटे बच्चों को बचाने सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।

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जिला अस्पताल में भर्ती व साथ में उनके परिजन

बालोद. ठंडे- गर्म के साथ बदलते मौसम का असर लोगों के स्वास्थ्य पर पडऩे लगा है। अस्पतालों की ओपीडी में हर तीसरा व्यक्ति वायरल फीवर से पीडि़त पहुंच रहा है। इनमें ज्यादा बच्चे व बुजुर्ग शामिल हैं। विशेषज्ञों ने लोगों को बीमारी से बचने व छोटे बच्चों को बचाने सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। balod patrika जिला अस्पताल (District Hospital) में लगभग 400 मरीज ओपीडी के हैं, जिसमें से 80 प्रतिशत मरीज वायरल फीवर से पीडि़त हैं। कभी बारिश तो कभी तेज धूप हो रही है। बच्चों व बुजुर्गों में सर्दी, जुकाम और बुखार से बच्चों व बुजुर्गों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। ऐसे में छोटे बच्चों के प्रति सावधानी बरतनी होगी।

बुखार, उल्टी, दस्त के मरीज ज्यादा
जिला अस्पताल की ओपीडी में सबसे ज्यादा छोटे बच्चे व वृद्ध ही पहुंच रहे हैं। अचानक छोटे बच्चों में वायरल फीवर, दस्त के मामले को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन भी अलर्ट है। ठंड गर्म मौसम का असर बताया जा रहा है। सबसे ज्यादा मरीज उल्टी दस्त, बुखार के आ रहे हैं।

380 के पार पहुंची ओपीडी
जिला अस्पताल में प्रतिदिन ओपीडी की संख्या लगभग 380 से ज्यादा पहुंच गई है। चिकित्सकों ने लोगों को गर्म पानी पीने के सलाह दी है। छोटे बच्चो व वृद्ध लोगों पर ज्यादा ध्यान देने की बात कही है। रोज अस्पताल में 30 मरीज भर्ती हो रहे हैं, जिसमें से 7 से 10 छोटे बच्चे हैं।

बदलते मौसम की मार पड़ रही बच्चों पर
बदलते मौसम की मार बच्चों पर पड़ रही है। रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने से बच्चों को सर्दी-खांसी, जुकाम और बुखार जकड़ लेता है। छोटे बच्चों में यदि ऐसी बीमारी होती है तो अनदेखी करने की जगह तुरंत डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए। संक्रमण के खतरे के बीच बच्चों का खास ध्यान रखना जरूरी है। जिला अस्पताल का बच्चा वार्ड सहित महिला, पुरुष व अन्य वार्ड भी मरीजों से फुल हो गए हैं।

बच्चों व वृद्ध लोगों का रखे ख्याल, बरतें सावधानी
जिला अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ व सिविल सर्जन डॉ. आरके श्रीमाली ने बताया कि ओपीडी में सर्दी-खांसी, वायरल फीवर से पीडि़त ज्यादा बच्चे आ रहे हैं। बच्चों के साथ आने वाले परिजनों से पूरी हिस्ट्री ली जाती है। डेंगू व मलेरिया की जांच अनिवार्य है। पालकों को छोटे बच्चों व वृद्ध लोगों पर ध्यान देने की जरूरत है। अच्छा रहेगा बासी भोजन, ठंडा पेय पदार्थ, ज्यादा तले भुने भोजन से परहेज करें। घर में गर्म पानी का सेवन सभी करें। ज्यादा तकलीफ हो रही है तो तत्काल चिकित्सक व नजदीकी अस्पताल ले जाएं।

Published on:
10 Sept 2023 11:29 pm
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