
लोंडी में चार दिन बाद शुरू हुई पढ़ाई
बालोद . जर्जर भवन को तोड़कर नया भवन बनाने की मांग को लेकर चार दिनों तक ग्रामीणों ने अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजा। गुरुवार को जिला शिक्षा अधिकारी के ठोस आश्वासन के बाद शुक्रवार से ग्राम लोंडी के पालकों ने अपने बच्चों को स्कूल भेजा और पढ़ाई शुरू हुई।
ग्राम लोंडी में प्राथमिक शाला में नए शिक्षण सत्र के चार दिन बाद इस गांव के बच्चे स्कूल आए। इधर जिला शिक्षा अधिकारी से आश्वासन मिलने के बाद ग्रामीणों की उम्मीद भी जग गई है कि जल्द नया स्कूल भवन बनाया जाएगा। प्रदेश सहित पूरे जिले में 18 जून से नए शिक्षण सत्र की शुरुआत हो गई है।
स्कूल में बना मध्याह्न भोजन
स्कूल में बच्चे नहीं आने की जानकारी पत्रिका ने शासन-प्रशासन को दी तो कभी इस गांव को नहीं जानने वाले अधिकारी भवन का जायजा लेने पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों से उनकी परेशानी जानी। जिला शिक्षा अधिकारी के बाद शुक्रवार को बच्चें स्कूल पहुंचे और उनके लिए मध्याह्न भोजन भी बना।
भवन के लिए स्टीमेट बनना शुरू
ग्राम लोंडी के ग्रामीणों के आंदोलन व बच्चों की हित की निर्णय से पूरे जिला प्रशासन, शिक्षा विभाग में भी हड़कम्प मच गया था। आखिर कैसे बच्चों के पालको को समझाएं और बच्चों को स्कूल बुलाएं। दरअसल ग्रामीणों की मांग भी जायज है, क्योंकि जर्जर स्कूल भवन की जानकारी देते-देते वे थक गए थे। किसी अधिकारी ने ध्यान नहीं दिया, तब ग्रामीणों ने यह कदम उठाया। अब अधिकारी स्कूल भवन के लिए स्टीमेट बना रहे हैं।
स्कूल में 102 बच्चे
स्कूल में बच्चों को बरामदे व कमरे में बैठाया जा रहा है। बच्चों की दर्ज संख्या 102 है। तीन कमरों में उन्हें बैठाने में परेशानी हो रही है। इसलिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई है।
जर्जर स्कूल की सूची मांगी
जिला शिक्षा अधिकारी बालोद बीआर ध्रुव ने कहा जिले के जर्जर स्कूल की सूची मांगी जा रही है। इन स्कूलों की स्थिति एवं स्टीमेट शासन को भेजने के कार्यवाही भी जल्द की जाएगी।
Published on:
24 Jun 2018 09:25 am
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