बालोद जिले के स्कूलों में बिना नियमित शिक्षक के बच्चों का भविष्य संवारा जा रहा है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है शिक्षा विभाग किस तरह नींव कमजोर कर रहा है। जिला शिक्षा विभाग के मुताबिक जिले में 17 प्राथमिक स्कूलों में एक भी नियमित शिक्षक नहीं है। ये स्कूल शिक्षक विहीन है।
बालोद. जिले में शिक्षा व्यवस्था की स्थिति गंभीर है। स्कूल में बिना नियमित शिक्षक के बच्चों का भविष्य संवारा जा रहा है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है शिक्षा विभाग किस तरह नींव कमजोर कर रहा है। जिला शिक्षा विभाग के मुताबिक जिले में 17 प्राथमिक स्कूलों में एक भी नियमित शिक्षक नहीं है। ये स्कूल शिक्षक विहीन है। वहीं 105 प्राथमिक स्कूलों में एकल शिक्षक के भरोसे बच्चों का भविष्य संवारा जा रहा है। ऐसे में पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। अब इन स्कूलों में अन्य स्कूलों के शिक्षकों की सेवा ली जा रही है। ऐसे स्कूलों के बच्चे पढ़ाई कम और खेलकूद कर रहे हैं।
सहायक शिक्षकों की पदोन्नति से बने हालात
प्राथमिक स्कूलों से पदोन्नति में जिले से लगभग 350 से अधिक शिक्षक माध्यमिक स्कूलों में चले गए हैं। इस कारण प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों को कमी है। भर्ती पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। शिक्षकों की कमी को लेकर परेशान पालकों ने स्कूल में तालाबंदी की चेतावनी दी है। वहीं शिक्षा विभाग शीघ्र सभी स्कूलों में शिक्षक भर्ती करने की बात कह रहा है।
40 बच्चों में एक शिक्षक, 75 पर एक भी शिक्षक नहीं
परसदा स्कूल: शासन व जिला शिक्षा विभाग के नियम के मुताबिक प्राथमिक स्कूलों में 40 बच्चे या उससे कम हैं तो एक शिक्षक की नियुक्ति की जाएगी। लेकिन जिले के ग्राम परसदा में कुल 75 बच्चे कक्षा पहली से पांचवीं तक हैं। यहां एक भी शिक्षक नहीं है। अन्य स्कूलों से शिक्षक अटैच किए गए हैं।
खड़बत्तर स्कूल: जिले के शासकीय प्राथमिक शाला खड़बत्तर में भी कुल 64 स्कूली बच्चे हैं, लेकिन यहां एक भी शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की गई है।
बालोद नायापारा: जिला मुख्यालय के नयापारा प्राथमिक शाला में कुल 48 बच्चे हैं। यहां अभी तक नए शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की गई है। यहां अन्य स्कूलों के शिक्षकों को अटैच किया गया है।
भिरई शाला: प्राथमिक शाला भिरई में कुल 131 बच्चे हैं। यहां 131 बच्चों को पढ़ाने के लिए मात्र एक नियमित शिक्षक है। यहां भी अन्य स्कूलों के शिक्षकों को अटैच किया गया है।
खैरीडीह : प्राथमिक स्कूल में 110 दर्ज संख्या है। यहां कुल 5 शिक्षकों का सेटअप है। सिर्फ एक नियमित शिक्षक की भर्ती हुई है। बाकी पद खाली हैं।
बोरी के पालकों ने दी स्कूल में तालाबंदी की चेतावनी
ग्रामीण अध्यक्ष दिलीप साहू ने बताया कि गांव में संचालित प्राथमिक शाला में मात्र एक प्राधनपाठक व एक शिक्षक है। यहां दर्ज संख्या के हिसाब से एक शिक्षक की और जरूरत है। कई बार स्कूल में शिक्षकों की भर्ती करने की मांग की जा चुकी है। अब इस माह के अंत तक एक शिक्षक की नियुक्ति नहीं की गई तो स्कूल में तालाबंदी की जाएगी।
नहीं हो रही शिक्षकों की भर्ती
इन शिक्षक विहीन स्कूलों में नियमित शिक्षकों की नियुक्ति में अभी समय लगेगा। शासन व प्रशासन अभी शिक्षकों की भर्ती नहीं कर रहे हैं। ऐसे में इन स्कूलों को अभी अन्य स्कूलों के शिक्षकों के भरोसे बच्चों को पढ़ाना होगा और स्कूल का भी कार्य कराना होगा।
शिक्षक विहीन व एकल शिक्षक स्कूल की जानकारी मंगाई गई
बालोद जिला शिक्षा अधिकारी मुकुल केपी साव ने कहा कि जिले में शिक्षक विहीन व एकल शिक्षक स्कूल की जानकारी मंगाई गई है। पढ़ाई प्रभावित न हो, इसलिए अन्य स्कूलों के शिक्षकों की व्यवस्था की गई है। अभी शिक्षकों की भर्ती नहीं हो रही है। शिक्षक भर्ती के बाद रिक्त पदों पर नियुक्ति की जाएगी।