तांदुला जलाशय से अब निस्तारी के लिए भी पानी छोड़ दिया है। जलाशय के पानी से बालोद सहित दुर्ग व बेमेतरा के 934 तालाबों में को भरा जाएगा। सिंचाई विभाग के मुताबिक तांदुला जलाशय से 1000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।
बालोद. तांदुला जलाशय से अब निस्तारी के लिए भी पानी छोड़ दिया है। जलाशय के पानी से बालोद सहित दुर्ग व बेमेतरा के 934 तालाबों में को भरा जाएगा। सिंचाई विभाग के मुताबिक तांदुला जलाशय से 1000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इसे और बढ़ाया जाएगा। सिंचाई विभाग की योजना थी की 21 मार्च के आसपास पानी छोडेंग़े। बालोद, बेमेतरा व दुर्ग जिले से डिमांड आने पर पहले ही पानी छोड़ा गया। जिले के अन्य जलाशय खरखरा, गोंदली व मटियामोती से अभी डिमांड नहीं आई है, इसलिए अभी पानी नहीं छोड़ा गया है।
जलाशयों में लबालाब पानी
सिंचाई विभाग के मुताबिक 25 मार्च के पहले इन तीनों जलाशय से तालाबों में पानी भरने पानी छोडऩे की योजना है। ग्रामीण क्षेत्रों से डिमांड मंगाया गया है। इस साल जिले के सभी जलाशयों में लबालाब पानी भरा हुआ है। पानी की दिक्कत तालाबों को भरने में नहीं होगी।
लगभग एक माह तक खुला रहेगा गेट
अधिकांश गांवों में भीषण गर्मी से तालाब का पानी सूखने की स्थिति में थी। सबसे ज्यादा स्थिति गंभीर दुर्ग व बेमेतरा जिला की है। सूखते तालाबों से निस्तारी के लिए परेशानी होने लगी थी। अब जलाशय से पानी छोडऩे पर सूखते तालाबों में पानी भर जाएगा। जिससे ग्रामीणों को राहत मिलेगी। गर्मी सीजन का दो माह बचा हुआ है।
डिमांड पर खरखरा, गोंदली व मटियामोती से पानी छोड़ेंगे
जल संसाधन विभाग के ईई टीसी वर्मा ने बताया कि जिले के खरखरा, गोंदली व मटियामोती जलाशय से पानी छोडऩे लगातार मांग आ रही है। अभी तक पूरी मांग नहीं आई है। पूरी मांग आने के बाद इन तीनों जलाशयों से पानी छोड़ा जाएगा।
सिंचाई के लिए चोरी करने पर होगी कार्रवाई
सिंचाई विभाग के ईई ने बताया कि शासन ने इस बार जलाशयों से सिर्फ तालाबों को भरने पानी छोडऩे के निर्देश दिए हैं। मुख्य नहर व केनालों में छोड़े गए पानी से सिर्फ तालाबों को भरा जाएगा। धान की फसलों के सिंचाई के लिए नहीं है। निगरानी समिति के सदस्य नहर की निगरानी करेगी, जो चोरी करेगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
किसानों ने बोया गर्मी में धान, अब पानी के लिए तरस रहे
किसान यह जानते हुए कि शासन इस बार सिंचाई के लिए पानी नहीं छोड़ेगा। बोर के भरोसेे धान की फसल ली। अब भू जल स्तर नीचे जाने से बोर भी सूखने लगे है, जिससे पानी के अभाव में धान की फसल भी सूख रही है। कई किसान पानी के लिए तरस रहे हंै। लेकिन जिस बोर से किसान फसलों की सिंचाई कर रहे हैं, वह सिर्फ पीने योग्य पानी है। विभाग भी लगातार किसानों को जागरूक कर रहा है।
तांदुला से निस्तारी के लिए पानी छोड़ा
जल संसाधन विभाग बालोद के ईई टीसी वर्मा ने कहा कि तांदुला जलाशय से पानी निस्तारी के लिए छोड़ा गया है। अभी खरखरा, गोंदली, मटियामोती जलाशय क्षेत्र के ग्रामीणों की डिमांड आ रही है। योजना है कि 25 मार्च के पूर्व ही पानी इन तीनों जलाशयों से निस्तारी के लिए छोड़ दिया जाएगा।