
टीकाकरण के बाद से नहीं हो रहा था बच्चे को दस्त, सिरप पिलाया तो बिगड़ गई तबियत
बालोद. डेढ़ माह पहले मां ने जिस बच्चे को जन्म दिया था वह दम तोड़ दिया। बच्चे को एक सप्ताह से दस्त नहीं हो रहा था। जिस दिन टीकाकरण किया गया था उसके दूसरे दिन से दस्त का सिरप पिलाया गया, पर बच्चे की ज्यादा तबियत बिगडऩे पर जिला अस्पताल लाया गया, जहां बच्चे की मौत हो गई। मां का रो-रो कर बुरा हाल है। वहीं बच्चे की मौत के बाद जिला टीकाकरण अधिकारी मामले की जांच में जूटे हैं। घटना बुधवार शाम 4 बजे की है।
ेएक दिन पहले लगवाया गया था बच्चे को टाका
मिली जानकारी के अनुसार नगर के पांडेपारा निवासी ओम पानेकर के डेढ़ माह का बच्चा विनायक पानेकर को सप्ताह भर पूर्व दस्त नहीं हो रहा था। वे मंगलवार को जिला अस्पताल में डेढ़ माह के बाद टीकाकरण कराने पहुंचे थे। जहां बच्चे को पेंटावेलेंट और आईपीवी इंजेक्शन का टीका लगाया गया। वहीं दस्त की जानकारी के बाद दवाई भी दी गई। मृत बच्चे की मां कुंती बाई ने बताया टीकाकरण के बाद दस्त होने की दवाई भी दी गई थी। टीकाकरण के दूसरे दिन भी बच्चा स्वास्थ्य था। बुधवार को सुबह व दोपहर में दस्त की दवाई पिलाई थी। उसके बाद बच्चा बहुत देर तक खेल रहा था, लेकिन दोपहर करीब 3 बजे बच्चा लंबी सांस लेने लगा। इस दौरान मां घबरा गई और तत्काल बच्चे को जिला अस्पताल लेकर पहुंची। मां ने बताया अस्पताल पहुंचते समय बच्चा ठीक था, जैसे ही डॉक्टर ने जांच शुरू की इसी दौरान बच्चे की मौत हो गई।
अंदेशा है सिरप श्वांस नली में जाने के कारण हुई मौत
नवजात बच्चे की मौत के मामले पर गुरुवार को जिला टीकाकरण अधिकारी सिरिस सोनी जिला अस्पताल पहुंचे और मामले की जांचकी। बच्चे को कब टिका लगा, कब दवाई दी गई उसकी जांच व रिपोर्ट मांगी गई। जिला टीकाकरण अधिकारी की मानें तो डेढ़ माह के नवजात बच्चे को दस्त नहीं हो रहा था, तब सिरप दिया गया था। बच्चा रो रहा था तब अगर मां ने सिरप पिलाई होगी तो उनके आहार नली में न जाकर सिरप श्वांस नली में चली गई होगी जिससे बच्चे को श्वांस लेने में तकलीफ हुई और उनकी मौत हो गई।
इलाज करने वाली महिला चिकित्सक से होगी पूछताछ
जांच में जिला टीकाकरण अधिकारी अब नवजात बच्चे का इलाज कर रही महिला चिकित्सक से भी पूछताछ करेंगे। वही बाता पाएंगी कि आखिर बच्चे को क्या परेशानी थी? और उनकी मौत कैसे हो गई। इधर जिला टीकाकरण अधिकारी शिरीष सोनी ने बताया नवजात बच्चे की मौत होने पर इनकी रिपोर्ट केंद्र भेजी जाती है। अब इस मामले की जांच के लिए कुछ दिन बाद परिजन से पूछताछ करेंगे। उनके घर जाकर उन दिनों में क्या-क्या हुआ इनकी जानकारी ली जाएगी। अगर इलाज में लापरवाही हुई होगी तो चिकित्सक पर कार्रवाई होगी। पर इस घटना से बच्चे की मां बेसुध हो गई है।
दोषी कौन जांच के बाद चलेगा पता?
बच्चे की मौत दवाई पिलाने से हुई गड़बड़ी है या फिर इलाज के दौरान लापरवाही से हुई, या टीकाकरण के कारण मौत हुई इस पर अब जांच के बाद ही खुलासा होगा। इस मामले पर सीधे परिजन या डॉक्टर को दोषी कहना जल्दबाजी होगी क्योंकि बच्चे की मौत के बाद अगर बच्चे का पीएम किया जाता तो कुछ और जानकारी मिलती, पर अब जांच के बाद ही मामले में कारण का पता चलेगा।
Published on:
10 May 2019 12:06 am
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