scriptछत्तीसगढ़ का सबसे पिछड़ा गांव, यहां न सड़क है न बिजली, इसलिए कोई नहीं ब्याहता बेटी, विकास का नहीं कोई नाता | There is no road in Rahata village of Balod district of Chhattisgarh | Patrika News
बालोद

छत्तीसगढ़ का सबसे पिछड़ा गांव, यहां न सड़क है न बिजली, इसलिए कोई नहीं ब्याहता बेटी, विकास का नहीं कोई नाता

डौंडीलोहारा विधानसभा में महिला बाल विकास मंत्री रहने के बावजूद इस गांव का विकास नहीं हो सका। इस गांव की ब्लॉक मुख्यालय से दूरी, सड़क व गांव की स्थिति को देख इस गांव में कोई अपनी बेटियों को देना नहीं चाहता।

बालोदJan 19, 2021 / 01:18 pm

Dakshi Sahu

छत्तीसगढ़ का सबसे पिछड़ा गांव, यहां न सड़क है न बिजली, इसलिए कोई नहीं ब्याहता बेटी, विकास का नहीं कोई नाता

छत्तीसगढ़ का सबसे पिछड़ा गांव, यहां न सड़क है न बिजली, इसलिए कोई नहीं ब्याहता बेटी, विकास का नहीं कोई नाता

बालोद. शासन-प्रशासन ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए करोड़ों खर्च करते हैं। लेकिन अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण जिले में कई ऐसे गांव हैं, जहां आज भी विकास नहीं पहुंचा है। ऐसा ही मामला जिले के डौंडीलोहारा विकासखंड की ग्राम पंचायत माडिय़ाकट्टा के आश्रित ग्राम राहटा में देखने को मिला। आज भी यह गांव बिजली, पानी, सड़क जैसी सुविधाओं के लिए जूझ रहा है। डौंडीलोहारा विधानसभा में महिला बाल विकास मंत्री रहने के बावजूद इस गांव का विकास नहीं हो सका। इस गांव की ब्लॉक मुख्यालय से दूरी, सड़क व गांव की स्थिति को देख इस गांव में कोई अपनी बेटियों को देना नहीं चाहता।
रविवार को इस गांव में जनप्रतिनिधि पहुंचे तो ग्रामीणों ने जोरदार स्वागत किया। जनप्रतिनिधियों को अपनी परेशानी बताई। गांव में सांस्कृतिक भवन, गलियों में बिजली, सीसी मार्ग व पुलिया निर्माण की मांग की। पूर्व विधायक डोमेन्द्र भेडिय़ा व जनपद सदस्य राजाराम तारम ने कहा कि समस्याओं को तत्काल दूर करने पहल करेंगे। ग्रामीण हेमराज, जलदेव निषाद ने कहा कि हमारे गांव में समस्याएं ही समस्याएं है। लगातार शासन प्रशासन से मांग करने पर कोई ध्यान ही नहीं देता। ऐसे में गांव की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। गांव में सड़क की दयनीय स्थिति है। हर साल गांव के पहाड़ को काटकर सड़क बनाते हैं। उसी सड़क से होकर ग्रामीण ब्लॉक मुख्यालय डौंडीलोहारा व पंचायत मुख्यालय सहित अन्य गांव आना जाना करते हैं। सड़क की व गांव की स्थिति देख लोग बेटियां नहीं देना चाहते हैं। सड़क की हालत बाहर से ही देखकर चले जाते हैं।
छत्तीसगढ़ का सबसे पिछड़ा गांव, यहां न सड़क है न बिजली, इसलिए कोई नहीं ब्याहता बेटी, विकास का नहीं कोई नाता
सिर्फ चुनाव के समय आते हैं जनप्रतिनिधि
भागवत ठाकुर, सुरसिंह निषाद ने ग्रामीणों की पीड़ा बताई और कहा कि पूरे जिले में सिर्फ
हमारा गांव ही सबसे ज्यादा उपेक्षित है। इस गांव में सिर्फ चुनाव के समय जनप्रतिनिधि आते हैं। चुनाव के बाद जनप्रतिनिधि ही भूल जाते हैं। यही हाल अधिकारी व शासन-प्रशासन का है।
पूर्व विधायक को बताई गांव की समस्या
चुनाव के बाद यहां ग्रामीणों ने पहली बार जनप्रतिनिधियों को बुलाया। रविवार को पूर्व विधायक डोमेन्द्र भेडिय़ा व जनपद सदस्य राजाराम तारम गांव पहुंचे। ग्रामीणों ने समस्याओं से जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया। ग्राम विकास समिति अध्यक्ष ने ग्रामीणों की ओर से सीसी मार्ग, सांस्कृतिक भवन, गली में बिजली व पुल निर्माण की मांग की है, जिस पर तत्काल पहल करने की बात कही है।
पीपे की नाव में स्कूल जाने का वीडियो हुआ था वायरल
जिले में कोई राहटा नाम का गांव है, इसके बारे में लोगों को पता ही नहीं था। इस गांव की बेटियां खुद ही पीपे की नाव बनाकर खरखरा जलाशय में तीन किमी दूर अरजपुरी पढ़ाई करने जाती थीं। बेटियों के इस साहस व प्रशासन की अनदेखी का वीडियो वायरल हुआ तो इस गांव की खबर, अखबारों व मीडिया में आने लगी। पत्रिका ने भी इस गांव की समस्याओं को लगातार प्रकाशित किया, जिसके बाद प्रशासन कि टीम तत्काल गांव पहुंची। ग्रामीणों की माने तो वह दिन गांव के इतिहास में पहला दिन था, जब जिला प्रशासन के अधिकारी कलेक्टर, एसपी, अन्य अधिकारी, नेता पहुंचे थे। वीडियो दयालु राम पिंगेश्वर ने बनाया था।
समस्याओं को दूर करने सही पहल नहीं हो रही
सरपंच सीमा मंडावी ने कहा कि ग्रामीणों की समस्याओं के बारे में समय-समय पर जनपद में भी जानकारी दी जाती है। अधिकारियों को भी अवगत कराते हैं लेकिन जिस तरीके से पहल होनी चाहिए, वह नहीं हो रही। शासन-प्रशासन इस गांव की भी सुध ले। रविवार को कार्यक्रम में सरपंच सीमा मंडवी, ग्रामीण अध्यक्ष कैलाश राम, मदन लाला ओटी, कपिल, बनिता कोठारी, दिलीप कुमार आदि उपस्थित रहे। डोमेन्द्र भेडिय़ा, पूर्व विधायक डौंडीलोहारा ने बताया कि ग्रामीणों की समस्याओं से अवगत हुए हैं। समस्याओं को शासन-प्रशासन के पास रखकर दूर करने का प्रयास किया जाएगा। राजाराम तारम, जनपद सदस्य डौंडीलोहारा ने कहा कि ग्रामीणों की मांग जायज है। आगामी सामान्य प्रशासन की बैठक में इस गांव की समस्या दूर करने चर्चा की जाएगी। जनपद सदस्य निधि की राशि से भी इस गांव में विकास कराएंगे।

Home / Balod / छत्तीसगढ़ का सबसे पिछड़ा गांव, यहां न सड़क है न बिजली, इसलिए कोई नहीं ब्याहता बेटी, विकास का नहीं कोई नाता

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो