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रिकॉर्ड में 200 हेक्टेयर सरकारी भूमि, पर विकास कराने जमीन नहीं

CG News : विकासखंड के सबसे बड़े ग्राम पलारी में दबंगों, धनवान व अन्य लोगों द्वारा किए गए अतिक्रमण के चलते विकास कार्य रूक गए हैं क्योकि ग्राम में निर्माण के लिए जमीन ही नहीं है।

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रिकॉर्ड में 200 हेक्टेयर सरकारी भूमि, पर विकास कराने जमीन नहीं

रिकॉर्ड में 200 हेक्टेयर सरकारी भूमि, पर विकास कराने जमीन नहीं

गुरुर। CG News : विकासखंड के सबसे बड़े ग्राम पलारी में दबंगों, धनवान व अन्य लोगों द्वारा किए गए अतिक्रमण के चलते विकास कार्य रूक गए हैं क्योकि ग्राम में निर्माण के लिए जमीन ही नहीं है। जबकि राजस्व रिकॉर्ड में ग्राम में लगभग 200 हेक्टेयर से अधिक घास व सरकारी भूमि है।

घास भूमि में गोदाम व आरामिल सहित अन्य भवन

अतिक्रमणकारियों ने सरकारी घास भूमि में गोदाम, आरा मिल, व्यावसायिक परिसर, खेत, बाड़ी, मकान बना लिए हैं। कइयो ने तो दो तीन एकड़ भूमि पर कब्जा कर रखा है। अतिक्रमणकारियों ने चारागाह, स्कूल, अस्पताल, श्मशान घाट, बस स्टैंड, खेल मैदान, तालाब के पार तक को नहीं छोड़ा। सभी की जमीन पर कब्जा कर लिया है। ग्राम की स्थिति ऐसी हो गई है कि ग्राम पंचायत को ग्राम की मूलभूत जरूरतों के लिए भवन निर्माण कराने, अन्य सार्वजनिक हितो के लिए कार्य कराने के लिए भूमि नहीं है। स्कूलों में आने जाने में बच्चो को परेशानी हो रही है। खेत खलिहान जाने में किसानों को परेशानी हो रही है।

ग्रामीणों ने इसकी शिकायत तहसीलदार, एसडीएम एवं जिला प्रशासन को की। कई शिकायत आवेदन के बाद भी जब समस्या का समाधान नहीं हुआ तब ग्राम पंचायत के सरपंच रामसिंह, ग्राम विकास समिति अध्यक्ष राजेश कुमार, गौठान प्रबंधन समिति अध्यक्ष पुर्णेश्वर साहू एवं ग्रामीण प्रमलाल साहू ने वकील के माध्यम से उच्च न्यायालय बिलासपुर में रिट याचिका डाली। उच्च न्यायालय ने याचिका पर सुनवाई के बाद कलेक्टर एवं तहसीलदार को 2 माह के भीतर कार्यवाही करने निर्देशित किया है।

अतिक्रमण के कारण स्कूल असुरक्षित

ग्राम प्रमुखों ने बताया कि धरसा में अतिक्रमण के कारण पानी एक जगह रूक जाता है, जिससे कई खेतों में पानी भर जाता है और फसल खराब हो जाती है। कन्या शाला की चार दीवारी की जमीन पर भी कब्जा है, जिससे स्कूल असुरक्षित है, स्थिति इतनी खराब हो गई है कि ग्राम में मवेशी की मृत्यु होने पर उसे रखने की जगह तक नहीं है, जिससे ग्रामीणो द्वारा सड़क किनारे में ही मवेशी को डाल दिया जाता है, जिससे क्षेत्रवासी बदबू से परेशान रहते है।

ग्राम पलारी अतिक्रमण से परेशान ग्रामीणो ने पंचायत से लेकर जिला प्रशासन तक गुहार लगाई। समस्या हल नहीं होने पर ग्राम प्रमुखों ने उच्च न्यायालय में याचिका डाली। अब उच्च न्यायालय ने तहसीलदार व कलेक्टर को दो माह की अवधि में कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।