लडक़ा लगातार उससे बात करते रहा ये जानते हुए भी की उसके दोनों हाथ नहीं हैं। युवती ने भी युवक के प्रपोजल को स्वीकार कर लिया और दोनों ने शादी करने की ठान ली। युवक के घरवाले उसकी शादी समाज की लडक़ी से करने की सोच रहे थे। लडक़े को भनक लगते ही वह युवती के यहां गया और दोनों ने मंदिर में शादी कर ली। दोनों एक माह साथ रहने के बाद घर वापस आने का मन बनाया और घर जाकर माता-पिता से आशीर्वाद लेना चाहा। मगर समाज के डर से युवक के घरवालों ने साफ मना कर दिया। इस बात से नाराज होकर दोनों ने छुरा थाने का दरवाजा खटखटाया और थाना प्रभारी केके वर्मा ने दोनों की बात सुनकर दोनों की उम्र की जांच की, जिसमें दोनों बालिग निकले।
केके वर्मा ने हमेशा साथ जीवनयापन करने एवं साथ रहने की समझाइश दी फिर युवक-युवती दोनों ने थाना प्रभारी के समक्ष साथ जीवन जीने की बात कही। थाना प्रभारी केके वर्मा, आरक्षक अनिल पांडेय एवं समस्त स्टाफ ने 1000 रुपये की सहायता राशि देकर दोनों को सुखद जीवन यापन करने की शुभकामनाएं दी। आदिवासी समाज के जिलाध्यक्ष नीलकंठ सिंह ठाकुर को इस संबंध की जानकारी होने पर उन्होंने समाज के नवयुवकों के लिये युवक को आदर्श बताया।