
CG News:बलौदाबाजार जिले में लवन तहसील के मरदा गांव में 14 गायों की लाश मिली है। इन सभी को कांजी हाउस के एक कमरे में कैद कर रखा गया था। 4 दिनों से चारा-पानी भी नहीं दिया। इसी के चलते बारी-बारी सबने दम तोड़ दिया। मवेशियों की सामूहिक मौत का खुलासा तब हुआ, जब लाशें सड़ने लगी। इलाके में लगातार बढ़ती बदबू की पतासाजी करते गांव के कुछ लोग जब कांजी हाउस पहुंचे तो अंदर का नजारा देखकर दंग रह गए।
छुट्टा मवेशी फसलों को नुकसान न पहुंचाएं इसलिए गांव में इनकी देखरेख के लिए एक समिति बनाई गई है। इसी समिति ने करीब 8 दिन पहले गांव के अलग-अलग इलाकों से 14 गायों को पकड़कर कांजीहाउस लाया था। यहां तीन कमरे हैं। इसके बावजूद समिति ने सभी गायों को एक ही कमरे में ठूंस-ठूंसकर भर दिया।
फिर बाहर से ताला भी लगा दिया गया। गायों को चारा-पानी देना तो दूर, समिति ने दरवाजे का ताला तक नहीं खोला। गायों की डिकंपोज होती लाश देखकर वेटनरी डॉक्टरों का अनुमान है कि इन सभी की मौत 4 दिन पहले हुई होगी। ये कमरा कितना छोटा है! इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि गुरुवार को जब गांव के लोगों ने कांजी हाउस का बंद कमरा खोला तो यहां मरी हुई गाय एक के ऊपर एक लदी पड़ी थीं।
इस नजारे को देखकर गांव के लोगों में समिति की लापरवाही को लेकर खासी नाराजगी भी है। लोगों ने इस मामले में सख्त कार्रवाई के साथ ही गांव में छुट्टा मवेशियों को रखने के लिए बेहतर इंतजाम करने की मांग भी शासन-प्रशासन से की है।
गांव के कुछ युवाओं ने कांजी हाऊस में मृत गायों का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। मामले की भनक लगते ही कलेक्टर दीपक सोनी ने जांच दल गठित करते हुए टीम को तत्काल मौके पर भेजा। शुक्रवार सुबह एसडीएम अमित गुप्ता के नेतृत्व में गांव पहुंचे जांच दल में तहसीलदार, पुलिस प्रशासन और पशु विभाग के अफसर शामिल थे।
जांच टीम ने गांववालों का ब्यान लिया। पंचनामा किया। इसके बाद मवेशियों की गिनती की। गिनती में 14 मवेशी मृत पाए गए। सभी मवेशियों को काऊ केचर में डालकर अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया। सभी मवेशियों को गढ्ढा खोदकर दफन कर दिया गया है।
बलौदाबाजार एसडीएम अमित गुप्ता ने कहा कि मरदा के प्राइवेट बाड़े में 15-20 गायो की मौत होने की जानकारी मिली थी। मौके पर तहसीलदार, थाना प्रभारी, पशु चिकित्सा विभाग और सीईओ को भेजा था। उनके द्वारा जांच की जा रही है। दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेंगे।
मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि किसानों ने अपनी फसलें बचाने मवेशियों को बाड़े में रखा था। ये मवेशी मृत पाए गए। इसे लेकर एसडीएम को जरूरी निर्देश दिए हैं। जिम्मेदारों पर एफआईआर के लिए कहा था।
जांच के बाद राजस्व विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने समिति से जुड़े लोगों से पूछताछ की। इसके बाद तीन लोगों के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस ने मामले में 4 आरोपियों की गिरफ्तार कर शुक्रवार को ही न्यायालय में पेश करते हुए सभी को जेल भेज दिया है। मामले में सुशील कुमार साहू (50), तेरस राम साहू (60), लक्ष्मी प्रसाद यादव (54), राकेश कुमार जांगडे (49) पर कार्रवाई की गई है।
तहसीलदार निवेश कोरेटी ने बातया कि मृत मवेशियों की संख्या 14 है, जिन्हें गढ्ढा खोदकर दफन किया गया है। दोषियों पर कार्रवाई की जा रही है।
Updated on:
03 Aug 2024 02:37 pm
Published on:
03 Aug 2024 02:32 pm
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