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52 क्विंटल धान लेकर खरीदी केंद्र आया था किसान, देखते ही एसडीएम ने करा लिया जब्त

SDM seized paddy: धान की खरीदी ने इन दिनों पकड़ ली है रफ्तार, काफी संख्या में छोटे-बड़े किसान धान की बिक्री करने पहुंच रहे धान खरीदी केंद्र, किसानों से हमाली (Hamali by farmers) कराए जाने की बात आ रही सामने

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SDM seized paddy

Seized paddy by officers

राजपुर. SDM seized paddy: 1 नवंबर से खरीदी केंद्रों में धान की खरीदी प्रारंभ हो गई है। कई खरीदी केंद्रों में देर से बोहनी हुई तो कई में पहले दिन से ही। इन दिनों धान की बिक्री ने रफ्तार पकड़ ली है। किसान धान लेकर खरीदी केंद्रों में पहुंच रहे हैं। इसी बीच शुक्रवार को एक किसान 52 क्विंटल धान लेकर पहुंचा। धान को देखकर उसकी क्वालिटी पर सवाल उठाए गए। दूसरे दिन एसडीएम के निर्देश पर धान की जांच कराई गई। क्वालिटी में मिलावट व खराब धान पाए जाने के कारण उसे जब्त कर लिया गया।


गौरतलब है कि बलरापुर-रामानुजगंज जिले के राजपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम डांडख़डुवा निवासी चंद्र प्रसाद यादव पिता ललू यादव द्वारा शुक्रवार को 130 बोरी धान बेचने के लिए खरीदी केंद्र में लाया गया था। धान में अधिक मात्रा में फंगस काला पूटू, पुराना धान एवं साफ सुथरा नहीं होने के कारण तौल नहीं हो पाई थी।

इधर किसान धान वापस लेने को तैयार नहीं था। ऐसे में पंचनामा बनाकर धान समिति में सुरक्षित रखवा दिया गया था। शनिवार को राजपुर एसडीएम के निर्देशानुसार कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी की उपस्थिति में धान की गुणवत्ता की जांच की गई।


धान में थी मिलावट, साफ-सफाई भी नहीं
जांच में में पुराना धान, नया पुराना धान मिक्स पाया गया। काला पुटु एवं खखरा बदरा साफ-सफाई में कमी पाई गई। ऐसे में 130 बोरी धान, वजन करीब 52 क्विंटल को मंडी अधिनियम के तहत जब्त कर समिति के खरीदी प्रभारी के सुपुर्द में दिया गया।

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खरीदी केंद्र में बिचौलियों का बोलबाला
इधर सूरजपुर मुख्यालय के धान खरीदी केंद्र में बिचौलियों का बोलबाला है। जो किसान बिना बिचौलियों के सीधे खरीदी केंद्र में अपनी धान बेचने की कोशिश करता हैं उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। धान खरीदी केंद्र में किसानों का कहना है कि खरीदी केन्द्र की बजाय स्थानीय व्यापारियों को धान बेंचना ज्यादा बेहतर है।

जहां न तो पैसा देना पड़ता है और न ही पल्लेदारी करनी पड़ती है। बताया जा रहा है कि खरीदी केंद्र में धान वजन करने के लिए तराजू के अलावा बोरी सिलाई के लिए मशीन तक उपलब्ध नहीं है। धान बेचने वाले किसानों से वहां पल्लेदारी तक कराई जाती है।

इन सब से प्रताडि़त हो चुके एक किसान ने बताया कि धान खरीदी केंद्र में किसानों को 4 से 5 दिनों तक कड़ाके की ठंड में बारदाना मिलने के इंतजार में नम्बर लगा कर रुकना पड़ता है। जब बारदाना मिल जाता है तो उसमें धान पलटी करना, वजन करना एवं सिलाई कर बोरियों की छल्ली लगाने के बाद ही किसान फुर्सत की सांस लेता है। ये सारा काम खुद किसान को विवश होकर करना पड़ रहा है। नहीं करने पर उन्हें मुंह मांगा पैसा देना पड़ता है।

इसके बाद भी धान वजन करने वाले तराजू व बोरा सिलाई करने वाली मशीन का किराया अलग से देना पड़ता है। बताया जा रहा है कि बिचौलियों द्वारा रात के समय खरीदी केंद्र में धान लाया जाता है। उनका न कोई नम्बर लगता है न ही उन्हें किसी सामान का इंतजार करना पड़ता है। सुबह होते ही उनकी धान समिति द्वारा बिना रोकटोक के जमा करा लिया जाता है।