दैवी आपदा के समय राहत और बचाव कार्य को लेकर एनडीआरएफ के लोगों को प्रशिक्षित कर रही है। जनपद बलरामपुर प्रत्येक वर्ष बाढ़ की विभीषिका से जूझता रहता है। जिले की तीनों तहसील बलरामपुर, उतरौला तथा तुलसीपुर के सैकड़ों गांव तथा हजारों एकड़ फसलें प्रत्येक वर्ष बाढ़ से बर्बाद होती हैं। तमाम जनहानि भी होती है। अज्ञानतावश कई लोग बाढ़ में फंसकर अपनी जान से हाथ धो बैठते हैं। इसी प्रकार गर्मियों में आगजनी की शिकायतें भी बड़े पैमाने पर होती हैं। इसमें भीतमाम जन धन की हानि होती है। जिला प्रशासन द्वारा बरसात शुरू होते ही इस वर्ष एनडीआरएफ की टीम को बुला लिया गया था। इस वर्ष अभी तक बाढ़ का ज्यादा प्रकोप तो नहीं हुआ है परंतु एनडीआरएफ टीम के लोग लगातार विद्यालयों तथा सार्वजनिक स्थानों परजाकर विद्यार्थियों व आम जनता को देवी आपदा से निपटने के तरीके बताते हैं।
इसी क्रम में आज बलरामपुर डीएवी इंटर कॉलेज परिसर में छात्राओं को दैवीय आपदा से निपटने के तरीके बताए। एनडीआरएफ टीम के कमांडर अब्दुल्ला ने बताया कि बाढ़ आगजनी व भूकंप जैसे दैवीय आपदा के समय किस तरह धैर्यपूर्वक सावधानी बरतते हुए अपने को बचाना है तथा यथासंभव दूसरे के लिए मदद करनी है। बगैर किसी संसाधन के वहां पर मौजूद संसाधनों के द्वारा घायलों की सहायता उपकरणों का निर्माण जैसे की बोतल नारियल चारपाई कंबल चद्दर के माध्यम से सहायता उपकरण तैयार करके उसका उपयोग करने की भी जानकारी दी गई। बचाव के कुछ प्रयोग करके बताए गए जिसे वहां मौजूद छात्राओं तथा शिक्षकों ने ग्रहण किया। कार्यक्रम के दौरान टीम के उप कमांडर राकेश कुमार, मुख्य आरक्षक जगत सिंह,विकास भरत, आरक्षक उदयकुशवाहा, सुशील कुमार, विनय कुमार, उमेश अवस्थी, मुकेश कुमार व नन्हेलाल के अलावा विद्यालय के प्रधानाचार्य मेजर वर्मा, अजय सिंह पिंकू,काशी प्रशाद शर्मा, दिलीप श्रीवास्तव सहित अन्य शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मी तथा छात्र- छात्राएं मौजूद थी।