5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

महिला जज ने मांगी इच्छामृत्यु, बोली- रात में मिलने के लिए बुलाते हैं जिला जज, बनाते हैं अनैतिक दबाव

बांदा जिले से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां पर एक सिविल जज ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र को लिखकर इच्छा मृत्यु मांगी है।

2 min read
Google source verification

बांदा

image

Anand Shukla

Dec 14, 2023

banda civil judge arpita sahu wrote a letter to chief justice of supreme court demond euthanasia said call to meet in night

सिविल जज ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की मांग की।

यूपी के बांदा में तैनात महिला सिविल जज ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्‍य न्‍यायाधीश से पत्र लिखकर इच्‍छा मृत्‍यु की मांग की है। आरोप है कि बाराबंकी में तैनाती के दौरान जिला जज द्वारा शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना की गई। इतना ही नहीं जिला जज द्वारा रात में मिलने आदि का दबाव बनाया गया। सिविल जज ने जिला जज के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई। इसके बावजूद कोई भी सुनवाई ना होने से निराश सिविल जज ने मुख्‍य न्‍यायाधीश से इच्‍छा मृत्‍यु की मांग की है।

सिविल जज ने पत्र में लिखा, "मैं इस पत्र को बेहद दर्द और निराशा में लिख रही हूं। इस लेटर का मेरी कहानी बताने और प्रार्थना करने के अलावा कोई उद्देश्य नहीं है। मेरे सबसे बड़े अभिभावक (सीजेआई) ने मुझे अपना जीवन समाप्त करने की अनुमति दें। मैं बहुत उत्साह और इस विश्वास के साथ न्यायिक सेवा में शामिल हुई था कि मैं आम लोगों को न्याय दिलाऊंगी। मैं क्या जानती थी कि मैं जिस कार्य के लिए जा रही हूं, वहां पर शीघ्र ही मुझे न्याय का भिखारी बना दिया जाएगा।

मेरी सेवा के थोड़े से ही समय में मुझे खुली अदालत में दुर्व्यवहार का दुर्लभ सम्मान मिला है। मेरे साथ हद दर्जे तक यौन उत्पीड़न किया गया है। मेरे साथ बिल्कुल कूड़े जैसा व्यवहार किया गया है। मेरी दूसरों को न्याय दिलाने की आशा थी। लेकिन क्या भला मिला।

"महिला खिलौना बनना सीख लें"
उन्होंने आगे लिखा कि मैं भारत में काम करनी वाली महिलाओं से कहना चाहती हूं। यौन उत्पीड़न के साथ जीना सीखें। यह हमारे जीवन का सत्य है। पॉश अधिनियम, यह हमसे बोला गया एक बड़ा झूठ है। कोई सुनता नहीं, कोई परेशान नहीं करता। शिकायत करोगी तो प्रताड़ित किया जायेगा। अगर कोई महिला सोचती है कि आप सिस्टम के खिलाफ लड़ेगे, तो मैं आपको बता दूं, मैं ऐसा नहीं कर सकती। मैं जज हूं, मैं अपने लिए निष्पक्ष जांच तक नहीं कर सकी। चलो न्याय क्लोज करें। मैं सभी महिलाओं को सलाह देती हूं कि वे खिलौना या निर्जीव वस्तु बनना सीखें।