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जून में बारिश का नया इतिहास

राज्य के इतिहास में तीसरी सर्वाधिक बारिश

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KRS Dam

जून में बारिश का नया इतिहास

मानसून मेहरबान ...
बेंगलूरु. दक्षिण पश्चिम मानसून इस वर्ष राज्य में दो दिन पहले आया और पिछले एक पखवाड़े के दौरान बारिश का नया रिकॉर्ड भी बना दिया।
कर्नाटक राज्य प्राकृति आपदा प्रबंधन सेल के अनुसार इस महीने 1 से 10 जून के बीच राज्य में औसत 92 मिमी बारिश हुई जबकि इस अवधि में औसत सामान्य बारिश मात्र 51 मिमी होती है। वर्ष 2004 के बाद यह पहला मौका है कि जब राज्य में जून में इतनी बारिश हुई है। इसके पूर्व वर्ष-2004 में समान अवधि के दौरान 99 मिमी बारिश हुई थी।
राज्य में जून महीने के पहले 10 दिनों में सर्वाधिक बारिश का रिकॉर्ड वर्ष 1991 में बना था। तब पहले 10 दिन में 167 मिमी बारिश हुई थी। इस बार पिछले 17 वर्ष में चिकमगलूरु, कोडुगू, शिवमोग्गा और हासन जिले में सर्वाधिक बारिश का नया रिकॉर्ड भी बना है। इन जिलों में पिछले एक पखवाड़े से बारिश के कारण आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है। मौसम विभाग ने अपनी ताजा चेतावनी में कहा है कि दक्षिण कन्नड़, उत्तर कन्नड, उडुपी और मलनाड क्षेत्रों में 20 जून तक भारी बारिश हो सकती है। हालंाकि सोमवार को इन जिलों में सिर्फ बूंदाबांदी हुई।
केआरएस का जलस्तर पहुंचा 101 फीट
कृष्णराज सागर बांध (केआरएस) का जलस्तर सोमवार को 101.90 फीट पहुंच गया। 124.80 फीट अधिकतम क्षमता वाले केआरएस का जलस्तर 10 वर्ष बाद जून में महीने में 100 फीट के पार पहुंचा है। उन्हें उम्मीद है कि इस वर्ष सिंचाई के लिए पानी की कमी नहीं होगी। हालांकि यह आने वाले समय में राज्य में होने वाली बारिश पर निर्भर करेगा। इस बीच सोमवार केआरएस में पानी का अंतर्वाह 11297 क्यूसेक रहा जबकि बहिर्वाह 369 क्यूसेक रहा। पिछले वर्ष समान अवधि में केआरएस का जलस्तर मात्र 67.90 फीट था, इस प्रकार पिछले साल की तुलना में इस बार बांध का जलस्तर 34 फीट ज्यादा है।
कबिनी बांध लबालब होने के कगार पर
कावेरी के जल ग्रहण क्षेत्र में भारी बारिश के कारण हेग्गडदेवनकोटे तहसील के बीचनहल्ली गांव के पास स्थित कबिनी बांध लबालब होने के कगार पर पहुंच गया है। आम तौर पर यह बांध जुलाई तक लबालब होता है। शिवमोग्गा जिले में तुंगा बांध भरने के बाद कबिनी राज्य का दूसरा बांध है जो लबालब होने जा रहा है।
इस बांध का जलस्तर सोमवार को जलाशय में 21,500 हजार क्यूसेक की रफ्तार से पानी आ रहा था। बांध की सुरक्षा के लिए बांध से 5 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। बांध का जलस्तर 2280.05 फीट तक पहुंच गया है। बांध की अधिकतम जल भंडारण क्षमता 2,284 फीट है। इस बांध से छोड़ा जा रहा पानी नंजनगुड, टी.नरसीपुर, कोल्लेगल, पालार होते हुए तमिलनाडु के मेट्टूर बांध में पहुंचता है। इस कारण मेट्टूर बांध का भी जलस्तर बढ़ता जा रहा है। कावेरी जल निगम के अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक कबिनी बांध भरने पर पूजा के लिए मुख्यमंत्री एच. डी. कुमारस्वामी को आमंत्रित किया जाएगा।
बेंगलूरु में बादलों की लुका-छिपी
बेंगलूरु के आसमान पर बादलों का बसेरा है लेकिन पिछले एक सप्ताह से शहर में बारिश न के बराबर हुई है। मौसम विभाग के अनुसार पिछले चौबीस घंटों के दौरान बेंगलूरु में 4 मिमी बारिश हुई है। बारिश न होने और दिन के समय आसमान साफ रहने से दोपहर में लोगों को तीखी धूप का सामना करना पड़ रहा है। शहर में अधिकतम 29 और न्यूनतम 20 डिग्री सेल्सिस तापमान रहा।

देशपांडे ने किया कोडुगू का दौरा
मडिकेरी. राज्य के राजस्व मंत्री आरवी देशपांडे ने सोमवार को कोडुगू-केरल अंतरराज्यीय राजमार्ग क्षेत्र में मकुट्टा का दौरा किया और वर्षा से प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण किया। जिले में पिछले एक पखवाड़े के दौरान भारी बारिश के कारण व्यापक स्तर पर संपत्ति को नुकसान पहुंचा है और आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।देशपांडे ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिन सड़कों को बारिश से नुकसान पहुंचा है, उनकी तत्काल मरम्मत की जाए। सड़क किनारे पुराने होने के कारण कमजोर हो चुके पेड़ों की पहचान कर काट दिया जाए। उन्होंने अधिकारियों को बारिश से जिले में हुए संपत्ति और फसल नुकसान का पूरा ब्यौरा शीघ्र देने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि मंगलवार को लोकनिर्माण मंत्री एचडी रेवण्णा भी इस क्षेत्र का दौरा करेंगे और सड़कों की खराब स्थिति का जायजा लेंगे। गौरतलब है कि पिछले दिनों हुई भारी बारिश के बाद मकुट्टा में सड़क बहने के कारण केरल और कर्नाटक के बीच विराजपेट के रास्ते सड़क संपर्क भंग हो गया। किसानों के कृषि ऋण माफी के सवाल पर उन्होंने कहा कि किसानों का ऋण माफ होगा लेकिन इसमें कुछ समय लगेगा।