
बेंगलूरु. राजधानी बेंगलूरु में तीन दिनों के लिए धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू होने के बावजूद कई संगठनों के कार्यकर्ताओं ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में टाउन हॉल और मैसूरु बैंक सर्किल के सामने प्रदर्शन किया। प्रतिबंधात्मक आदेश का उल्लंघन कर प्रदर्शन करने के कारण पुलिस ने इतिहासकार रामचंद्र गुहा सहित कई लोगों को हिरासत में ले लिया।
गौरतलब है कि बेंगलूरु सहित पूरे राज्य में बुधवार रात पुलिस ने धारा 144 लगाने की घोषणा की थी। पुलिस ने कई संगठनों की ओर से प्रदर्शन, रैली और धरना आदि की अनुमति मांगने के बाद एहतियाती तौर पर निषेधाज्ञा लगाई थी। निषेधा गुरुवार सुबह 6 बजे से 21 दिसम्बर की रात 12 बजे तक के लिए लगाई गई है। धारा 144 लगाए जाने के कारण विभिन्न संगठनों को धरना, प्रदर्शन आदि के लिए दी गई अनुमति स्वत: रद्द हो गई थी। इसके बावजूद गुरुवार को अलग-अलग समूहों में विभिन्न दलों व संगठनों से जुड़े लोग मैसूरु बैंक सर्किल और टाउन हॉल के सामने प्रदर्शन करने पहुंचे। कुछ लोग समूहों में थे तो कुछ अकेले भी हाथ से लिखे पोस्टर थामे खड़े थे। धारा 144 लागू होने और प्रदर्शन की आशंका देखते हुए काफी संख्या में मैसूरु बैंक और टाउन हॉल के आसपास के इलाकों में पुलिस को तैनात किया गया था। हिरासत में लिए जाने वाले प्रदर्शनकारियों को अन्यत्र ले जाने के लिए बसें भी तैनात रखी गई थी। दोनों जगहों पर भीड़ बढऩे के बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेना शुरु कर दिया। पुलिस ने टाउन हॉल के सामने प्रदर्शन कर रहे इतिहासकार रामचंद्र गुहा को हिरासत में ले लिया तो मैसूरु बैंक सर्किल के पास प्रदर्शन कर रहे माकपा कार्यकर्ताओं को भी हिरासत में लिया। पुलिस ने अलग-अलग समूहों में प्रदर्शन कर रहे लोगों को भी हिरासत में लिया।
इससे पहले टाउन हॉल के सामने पत्रकारों से बातचीत में गुहा ने कहा कि वे शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं। यहां आम लोग प्रदर्शन कर रहे हैं फिर भी सरकार धारा 144 लगा रही है। गुहा ने कहा कि पुलिस दिल्ली से मिले आदेश पर काम रही है और लोगों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन नहीं करने दे रही है।
Published on:
19 Dec 2019 01:32 pm
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