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कर्नाटक : शिवमोग्गा में बजरंग दल कार्यकर्ता की हत्या से तनाव, निषेधाज्ञा लागू

- पथराव, आगजनी की घटना: रैपिड एक्शन फोर्स के साथ अतिरिक्त पुलिस बल तैनात

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बेंगलूरु. शिवमोग्गा.

बजरंग दल के एक कार्यकर्ता की रविवार रात हत्या के बाद शिवमोग्गा शहर में स्थिति तनावपूर्ण हो गई। प्रशासन ने धारा 144 के तहत शहर में दो दिन के लिए निषेधाज्ञा लगाने के साथ ही मंगलवार तक स्कूल-कॉलेजों में अवकाश घोषित कर दिया। रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) के साथ ही अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। हालात को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एस. मुरुगन के अलावा बेंगलूरु से 212 पुलिस कर्मियों को भेजा गया। अन्य जिलों से भी पुलिस कर्मियों को बुलाया गया है। शहर में पहले काम कर चुके पुलिस अधिकारियों को भी हालात संभालने के लिए बुलाया गया है। कुल 1200 पुलिस कर्मी तैनात हैं। मलनाडु क्षेत्र में तनाव को देखते हुए सुरक्षा बढ़ाई गई है। मेंगलूरु में पुलिस ने रूट मार्च किया। शिवमोग्गा जिले के भद्रावती में भी धारा 144 लगाई गई है।

गृह मंत्री के गृह जिले में घटना होने के कारण इसे लेकर राजनीति भी गरमा गई है। शिवमोग्गा जिले से ही आने वाले ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री केएस ईश्वरप्पा के विवादित बयान के बाद राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया। सत्तारुढ़ भाजपा और मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के नेता घटना के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।

इस बीच, गृह मंत्री अरगा ज्ञानेंद्र ने कहा कि हर्ष की हत्या का हिजाब विवाद से कोई संबंध नहीं है। पुलिस के मुताबिक प्रारंभिक जांच में पुरानी रंजिश के कारण हत्या की बात सामने आई है।

शिवमोग्गा के भारती कॉलोनी में रविवार रात करीब 9 बजे कार में आए करीब आधा दर्जन अज्ञात अपराधियों ने सीगेटहल्ली के रहने वाले बजरंग दल के कार्यकर्ता हर्ष (24) पर जानलेवा हमला कर दिया। हर्ष को तुरंत सरकारी मेग्गान अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलते ही बजरंग दल और अन्य संगठनों के कार्यकर्ता काफी संख्या में अस्पताल के आसपास जमा हो गए।

सीगेहट्टी सहित शहर के कई इलाकों में पथराव और आगजनी की घटनाएं हुई। सुबह गृह मंत्री ज्ञानेंद्र ने अस्पताल जाकर हर्ष के परिजनों से मुलाकात की। शाम में जिला प्रभारी मंत्री के.सी. नारायण गौड़ा ने भी परिवार से मुलाकात की।

शव यात्रा में पथराव, पांच घायल
अंत्यपरीक्षण के बाद हर्ष का शव परिजनों को सौंप दिया गया। शव यात्रा के दौरान एनटी रोड के पास हुए पथराव में एक पुलिसकर्मी, एक मीडियाकर्मी सहित पांच लोग घायल हो गए जबकि 20 से अधिक वाहनों को नुकसान पहुंचा। स्थिति को संभालने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज के साथ आंसू गैस के गोले भी दागे। शहर के संवेदनशील इलाकों में तनाव को देखते हुए अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। इससे शव के साथ जुलूस निकालने की अनुमति नहीं मिलने पर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने अस्पताल के सामने प्रदर्शन भी किया।

पहले भी हुई थी हमले की कोशिश
ज्ञानेंद्र ने सुबह पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हर्ष राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का स्वयंसेवक था। इस मामले में किसी संगठन के शामिल होने की बात सामने नहीं आई है। ज्ञानेंद्र ने कहा कि हर्ष पर पहले भी हमले की कोशिश हुई थी। उसके खिलाफ भी कुछ मामले दर्ज थे। उन्होंने कहा कि लोगों को भावुक होने के बजाय शांति बनाए रखनी चाहिए। सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाना कोई समाधान नहीं है। हर्ष को परिजनों को मुआवजे की मांग को लेकर वे मुख्यमंत्री से चर्चा करेंगे।