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कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर कर्नाटक उच्च न्यायालय का बड़ा फैसला

उच्च न्यायालय में बायोमेट्रिक से मिली छूट  

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कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर कर्नाटक उच्च न्यायालय का बड़ा फैसला

कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर कर्नाटक उच्च न्यायालय का बड़ा फैसला

बेंगलूरु. कोरोनावायरस के प्रकोप के मद्देनजर कर्नाटक उच्च न्यायालय ने अपने कर्मचारियों को अगले आदेश तक बायोमेट्रिक उपस्थिति करने से छूट दे दी है।

हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल राजेंद्र बादामीकर द्वारा बुधवार को जारी एक परिपत्र में कहा गया कि कर्नाटक उच्च न्यायालय बेंगलूरु प्रधान पीठ सहित धारवाड़ और कलबुर्गी बेंचों में काम करने वाले सभी अधिकारियों को अगले आदेश तक बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज कराने की आवश्यकता नहीं है। बायोमेट्रिक उपस्थिति न होने की स्थिति में सभी अधिकारी व कर्मचारी उपस्थिति पंजिकाओं पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे। निर्देश में स्पष्ट रूप से कहा गया कि बायोमेट्रिक उपस्थिति से छूट का कारण कोरोना वायरस (कोविड-19) के संभावित प्रसार से बचाव करना है।

इस बीच, उच्च न्यायालय आने वालों अधिवक्ताओं ने भी सुरक्षा के दृष्टिकोण से मास्क लगाने शुरू कर दिए हैं। बुधवार को उच्च न्यायालय पहुंचे अधिवक्ताओं सहित याचिकाकर्ताओं और अन्य लोगों को बड़ी संख्या में मास्क लगाए देखा गया। एहतियात के तौर पर उच्च न्यायालय के अंदरुनी परिसरों में विशेष साफ सफाई बरती जा रही है। वहीं, सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों को भी मास्क लगाए ड्यूटी करते देखा गया।

हालांकि सुरक्षा कारणों से मास्क लगाए हाई कोर्ट पहुंचे लोगों का चेहरा मास्क हटाकर देखा जा सकता है।