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बिटकॉइन एटीएम मामले में अब कंपनी का सीइओ गिरफ्तार

आरबीआइ नियमों का उल्लंघन

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बिटकॉइन एटीएम मामले में अब कंपनी का सीइओ गिरफ्तार

सह-संस्थापक को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है

बेंगलूरु. देश में पिछले सप्ताह खुला पहला क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन एटीएम कियोस्क बंद हो गया है। नियमों का उल्लंघन कर एटीएम कियोस्क स्थापित करने के आरोप में पुलिस ने एटीएम लगाने वाली कंपनी के मुख्य कार्यकारी (सीइओ) सहित दो लोगों को पिछले दो दिनों मेंं गिरफ्तार किया है। मंगलवार को पुलिस ने एटीएम लगाने वाली कंपनी के सह-संस्थापक को गिरफ्तार किया था जबकि बुधवार को कंपनी के सीइओ को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
नगर पुलिस की केंद्रीय अपराध शाखा (सीसीबी) के साइबर अपराध प्रकोष्ठ ने मंगलवार को यूनोकॉइन टेक्नोलॉजिज के सह-संस्थापक हरीश बी वी को गिरफ्तार करने के साथ ही एटीएम भी जब्त कर लिया था। सीसीबी ने बुधवार को पुराने हवाई अड्डा रोड स्थित एक मॉल में भारतीय रिजर्ब बैंक (आरबीआइ) के नियमों का उल्लंघन कर बिटकॉइन एटीएम स्थापित करने के आरोप में कंपनी के सीइओ सात्विक विश्वनाथ को गिरफ्तार कर लिया।
सीसीबी ने इस मामले में स्वत: कार्रवाई करते हुए बिना सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के बिना क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन एटीएम कियोस्क स्थापित करने के लिए कंपनी और उसके अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। पुलिस का कहना है कि तुमकूरु के रहने वाले विश्वनाथ ने वर्ष २०१३ में हरीश के साथ मिलकर क्रिप्टो करेंसी का करोबार करने के लिए कंपनी बनाई थी। पहले दोनों तुमकूरु से ही कंपनी चलाते थे लेकिन बाद में बेंंगलूरु में कामकाज स्थानांतरित कर लिया। पुलिस ने विश्वनाथ के पास से एक मोबाइल फोन और एक लैपटॉप बरामद जब्त किया है। हरीश के पास से पुलिस ने दो लैप टाप, एक मोबाइल फोन, तीन क्रेडिट कार्ड, पांच डेबिट कार्ड, एक पासपोर्ट, कंपनी के पांच मोहरें, एक क्रिप्टो करेंसी डिवाइस और नकद १.७९ लाख रुपए जब्त किए हैं। पुलिस का कहना है दोनों अवैध गतिविधियों में संलिप्त थे।
पुलिस ने हरीश को महानगरीय न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में पेश किया। अदालत ने उसे पूछताछ के लिए पांच दिन के पुलिस हिरासत में भेज दिया। पुलिस ने लोगों से अधिक मुनाफे की लालच में क्रिप्टो करेंसी के कारोबार से दूर रहने की अपील की है जिसके कारोबार को वित्त मंत्रालय अवैध करार चुका है। गौरतलब है कि आरबीआइ आभासी मुद्रा यानी क्रिप्टो करेंसी को वैधानिक दर्जा नहीं देता है और इस कारण इसका लेन-देन या खरीद-बिक्री वैध नहीं है।