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हवाई अड्डा मेट्रो लाइन के मार्ग में एक बार फिर होगा बदलाव!

कैंपेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (केआइए) तक प्रस्तावित नम्मा मेट्रो लाइन के रूट में एक बार फिर बदलाव की तैयारी है।

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हवाई अड्डा मेट्रो लाइन के मार्ग में एक बार फिर होगा बदलाव!

हवाई अड्डा मेट्रो लाइन के मार्ग में एक बार फिर होगा बदलाव!

बेंगलूरु. कैंपेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (केआइए) तक प्रस्तावित नम्मा मेट्रो लाइन के रूट में एक बार फिर बदलाव की तैयारी है। नए रूट में मेट्रो नागवारा से हेब्बाल होकर जाएगी। पूर्व प्रस्तावित नागवारा, आरके हेगड़े नगर, थणिसंद्र, बल्लारी रोड रूट में हेगड़े नगर और जक्कूर फ्लाइंग स्कूल के बीच उच्च दबाव वाली मेंगलूरु-बेंगलूरु पेट्रोलियम पाइप लाइन गुजरती है।


नियमों के तहत इस पाइप लाइन के नौ मीटर के दायरे में कोई निर्माण कार्य नहीं हो सकता है। इसके अतिरिक्त पाइप लाइन के कारण मेट्रो की सुरक्षा पर भी खतरा है। इसलिए अब एक बार फिर से नए सिरे से रूट निर्धारित करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है और जल्द ही इसकी आधिकारिक पुष्टि होने की संभावना है।


मेट्रो फेज-२बी के तहत २९.२ किमी के पूर्व निधारित रूट के निर्माण पर ५९५० करोड़ रुपए की अनुमानित लागत आएगी। इस प्रस्ताव को ११ दिसम्बर २०१७ को राज्य मंत्रिमंडल ने स्वीकृति दी थी जिसके तहत कुछ छह मेट्रो स्टेशनों आरके हेगड़े नगर, जक्कूर फ्लाइंग स्कूल, यलहंका (कोगुली क्रॉस) और चिक्कजाला तथा दो मेट्रो स्टेशनों का निर्माण केआइए के पास होना है।

हालांकि अब इस रूट को बदलने की तैयारी की जा रही है। नए प्रस्ताव में गोत्तिगेरे-नागवारा लाइन को नागवारा से वाया आउटर रिंग रोड हेब्बाल तक ले जाया जाएगा। वहां से मेट्रो लाइन दाहिने घूम जाएगी और बल्लारी रोड पर जक्कूर फ्लाइंग स्कूल तक जाएगी। उसके बाद पुराने रूट पर ही यलहंका (कोगुली क्रॉस) और चिक्कजाला होते हुए केआए तक जाएगी। वहीं नए रूट में भी एक प्रमुख पानी पाइप लाइन है लेकिन मेट्रो सूत्रों का कहना है कि पानी पाइपलाइन के पास वैकल्पिक प्रणाली अपनाकर निर्माण संभव है जबकि पेट्रोलियम पाइप लाइन के उच्च दबाव को देखते हुए वहां कुछ भी निर्माण नहीं किया जा सकता है।


नए प्रस्ताव को राज्य मंत्रिमंडल से स्वीकृति लेनी होगी। इसके अतिरिक्त लागत राशि पर भी फिर अध्ययन किया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि इससे योजना के लागत मूल्य में बड़ा बदलाव नहीं आएगा क्योंकि नए रूट का मार्ग भी पुराने रूट के बराबर ही है। साथ ही नए रूट का अधिकांश भाग भी एलिवेटेड होगा लेकिन यलहंका वायु सेना स्टेशन के पास यह भूतल हो जाएगा।