
गठबंधन को अब भी सता रहा ऑपरेशन कमल का भय
बेंगलूरु. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी.एस. येड्डियूरप्पा के विधानसभा में बहुमत साबित करने में विफल रहने के बावजूद कांग्रेस व जनता दल (ध) को अभी भी भाजपा के ऑपरेशन कमल का भय सता रहा है। दोनों ही पार्टियों के नेता अपने अपने विधायकों को अलग-अलग होटलों में ठहराकर उनकी तमाम गतिविधियों पर कड़ी नजर रखे हुए हैं।
कांग्रेस ने अपने विधायकों को डोमलूर के एक होटल में रखा है वहीं जनता दल (ध) के विधायक दूसरे होटल में हैं। गठबंधन के पास 117 सदस्यों का संख्या बल है और विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए उसे 11 विधायकों के समर्थन की जरूरत है। दोनों दलों के नेताओं को इस बात का डर सता रहा है कि यदि भाजपा ने हमारे विधायकों को तोडऩे की कोशिश जारी रखी तो विधानसभा में बहुमत साबित करना कठिन हो जाएगा और सत्ता में आने के उनके तमाम मंसूबों पर पानी फिर जाएगा। संख्या बल को बनाए रखने की कवायद में दोनों ही पाटियां हर कदम फूंक फूंक कर उठा रही है। संभवत: इसी वजह से जनता दल(ध) ने शहर के एक होटल में ठहरे विधायकों को रविवार शाम देवनहल्ली के पास स्थित एक रिजोटर््में शिफ्ट कर दिया। वहां निजी सुरक्षा उपलब्ध करवाई गई है और अज्ञात वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाने के साथ ही यहां पर आने वाले लोगों से पूछताछ बी की जा रही है।
दो निर्दलीय विधायकों तथा येड्डियूरप्पा के विश्वास मत वाले दिन गायब हुए विजयनगर के आनंदसिंह व मस्की विधायक प्रतापगौड़ा पाटिल पर कड़ी नजर रखी जा रही है। इन विधायकों को अब कुमारस्वामी के बहुमत साबित करने तक यहीं पर रखा जाएगा। कांग्रेस के विधायकों को एकता का पाठ पढ़ाने के साथ ही भाजपा के ऑपरेशन कमल का शिकार बनने के नुकसान व कठिनाइयों के बारे में बाकायदा व्याख्यान दिए जा रहे हैं। डीके शिवकुमार के अलावा सिद्धरामय्या ने भी विधायकों को समझाइश दी। कुमारस्वामी बुधवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे और उन्होंने गुरुवार को ही बहुमत साबित करने को कहा है लिहाजा अगले गुरुवार तक विधायकों को होटल में ही रहना होगा।
Published on:
22 May 2018 03:57 pm
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