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न्यूनतम वेतन व सेवा नियमित करने की मांग को लेकर प्रदर्शन

संघ की मांग है कि नियुक्ति के समय वरिष्ठ सीडीसी कर्मचारियों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए तथा वर्षों से सेवा दे रहे कर्मचारियों के लिए एसएसएलसी अनिवार्य नहीं बनाया जाना चाहिए।

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प्रथम श्रेणी महाविद्यालयों में कॉलेज विकास समितियों (सीडीसी) के माध्यम से नियुक्त आउटसोर्स कर्मचारियों ने मंगलवार को मैसूरु में कॉलेजिएट शिक्षा के संयुक्त निदेशक के कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया। न्यूनतम वेतन सहित अन्य सुविधाओं के अलावा वरिष्ठ कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित करने की मांग की।

एआइयूटीयूसी से संबद्ध कर्नाटक राज्य उच्च शिक्षा विभाग महाविद्यालय कर्मचारी संघ ने एक बयान जारी कर कहा, ठेकेदार ने सभी सरकारी प्रथम श्रेणी कॉलेजों के प्रिंसिपलों को ईमेल भेजकर स्वीकृत पदों का विवरण और एसएसएलसी उत्तीर्ण मौजूदा सीडीसी कर्मचारियों की सूची मांगी थी। प्रिंसिपलों ने ठेकेदार को अपने विवेक के अनुसार नियुक्तियां करने की अनुमति थी। ठेकेदार इसका फायदा उठाकर मौजूदा कर्मचारियों की कीमत पर बाहरी उम्मीदवारों को नियुक्त कर रहा था।

कर्मचारी संघ ने इस बात का उल्लेख किया कि सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिया था कि ग्रूप-डी पदों की आउटसोर्सिंग करते समय मौजूदा कर्मचारियों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। संघ के अनुसार इन पदों के लिए अनिवार्य एसएसएलसी योग्यता लागू नहीं होती। संघ की मांग है कि नियुक्ति के समय वरिष्ठ सीडीसी कर्मचारियों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए तथा वर्षों से सेवा दे रहे कर्मचारियों के लिए एसएसएलसी अनिवार्य नहीं बनाया जाना चाहिए।