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सरकारी अस्पतालों में चिकित्सको और नर्सों की कमी दूर करने के प्रयास जारी

मंत्री ने बताया कि के.सी. जनरल अस्पताल में क्यूआर कोड आधारित पर्ची व्यवस्था लागू की गई है, जिससे मरीजों के इंतजार का समय काफी कम हो गया है। वहीं, विक्टोरिया अस्पताल में आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु सहित अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में मरीज आते हैं, लेकिन अब व्यवस्थाएं सुधारी गई हैं और वर्तमान में वहां लंबी प्रतीक्षा की समस्या नहीं है।

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स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री दिनेश गुंडूराव ने सोमवार को राज्य विधानमंडल के शीतकालीन अधिवेशन में विधान परिषद में सदस्य एच.एस. गोपीनाथ की ओर से विक्टोरिया, बॉरिंग एंड लेडी कर्जन और के.सी. जनरल जैसे अस्पतालों में मरीजों की बढ़ती संख्या, लंबी प्रतीक्षा समय, चिकित्सक और नर्सों की कमी पर उठाए गए प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि सरकार इस स्थिति से अवगत है और सुधार के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।

मंत्री ने बताया कि के.सी. जनरल अस्पताल में क्यूआर कोड आधारित पर्ची व्यवस्था लागू की गई है, जिससे मरीजों के इंतजार का समय काफी कम हो गया है। वहीं, विक्टोरिया अस्पताल में आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु सहित अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में मरीज आते हैं, लेकिन अब व्यवस्थाएं सुधारी गई हैं और वर्तमान में वहां लंबी प्रतीक्षा की समस्या नहीं है। बॉरिंग एंड लेडी कर्जन, गोशा अस्पताल और शिवाजीनगर के चरक अस्पताल में भी मरीजों को बिना किसी गंभीर प्रतीक्षा के उपचार मिल रहा है।विक्टोरिया अस्पताल में कर्मचारियों की कमी को दूर करने के लिए ठेका आधार पर चिकित्सक और पैरामेडिकल कर्मियों की नियुक्ति की गई है। वहीं, बॉरिंग एंड लेडी कर्जन अस्पताल में कर्मचारियों की कमी नहीं है।

उन्होंने बताया कि बेंगलूरु में असंक्रामक बीमारियों के लिए नौ अस्पतालों में विशेष यूनिट स्थापित की गई हैं और सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी ऐसे बीमारियों की जांच की सुविधा उपलब्ध है।