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भगवान की शरणागति से हर कार्य संभव: आचार्य चंद्रयश

सिद्धाचल धाम में दीक्षा दिवस पर फागण फेरी का आयोजन

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भगवान की शरणागति से हर कार्य संभव: आचार्य चंद्रयश

भगवान की शरणागति से हर कार्य संभव: आचार्य चंद्रयश

बेंगलूरु. सिद्धाचल स्थूभद्र धाम में आचार्य चंद्रयश सूरीश्वर की 41 वीं दीक्षा तिथि के अवसर पर रविवार को फागण फेरी विरती उत्सव का आयोजन किया गया।

सुबह गिरनार टूंक में दीक्षा- केवल ज्ञान -निर्वाण कल्याणक जिनालय पर नेमिनाथ परमात्मा के जयकारों के साथ ध्वजारोहण हुआ। इसके बाद गाजे बाजे के साथ फागण फेरी यात्रा शुरू हुई, जो जय तलेटी, वर्षीतप मंदिर, मोतिषा टूंक, शांतिनाथ मंदिर, आद्य आदेश्वर मंदिर होते हुए मुख्य दादा के टूंक पहुंची। वहां से आचार्य घेटिपाग की यात्रा करते हुए विरती उत्सव प्रवचन सभा मंडप में सकल संघ के साथ पहुंचे।आचार्य चन्द्रयश सूरीश्वर ने कहा कि जीवन में प्रभु की शरण में हमें जाना चाहिए। प्रभु शरणागति में चले गए तो नहीं सोचा हुआ कार्य भी प्रभु और गुरु की कृपा से होता है। संपत्ति के पीछे हम भागते हैं लेकिन जिस दिन प्रभु की सच्ची शरणागति में चले जाएंगे उस दिन संपत्ति आपके पीछे भागेगी। आचार्य ने अपनी संयम यात्रा के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि साधु खुद के लिए कभी नहीं जीता। वह शासन और प्रभु आज्ञा वाला जीवन ही जीता है। संसार के अंदर हम लोग संपत्ति के पीछे भागते हैं किंतु हम वह भूल चुके हैं कि धर्म की वजह से हमें पुण्य प्राप्त हुआ है और पुण्य की वजह से संपत्ति प्राप्त हुई है और अधर्म के मार्ग में अगर वह हम संपत्ति व्यय करेंगे तो दुर्गति निश्चित है।

कार्याध्यक्ष प्रकाश कोठारी, सचिव इन्द्रचंद बोहरा, अध्यक्ष पारसमल बैद, गौतम बन्दामूथा, दुबई से आए विजय भाई ने विचार व्यक्त किए।आवति चौबीसी के 24 जिनालय मुख्य दादा की टूंक के चौतरफ बनेंगे। उसमें रमेश मुथा, मोहनीबाई चम्पालाल बन्दामूथा, सुमन पिरगल, प्रकाश मूथा ने एक-एक जिनालय का लाभ लिया। आचार्य को कामली वोहराने का लाभ धनराज चुन्नीलाल तातेड़, मंगल तांतेड़ ने लिया। रविवार को कार्यक्रम मोहनीबाई चंपालाल बन्दामूथा परिवार की ओर से किया गया। विमल शाह ने संचालन किया। संगीतकार प्रतीक गेमावत ने भजन प्रस्तुत किया। उत्सव में चेन्नई, बेंगलूरु, मैसूरु, चित्रदुर्गा, दावणगेरे, कोलार, कांचीपुरम, दोड्डबल्लापुर, चिकबल्लापुर से आए भक्तों ने भाग लिया

यलहंका और सिद्धाचल में होगा चातुर्मासइस मौके पर चंपालाल बाफना, नेमीचंद लुंकड़,जय चंद चुत्तर, मांगीलाल वेदमूथा, कैलाश वेदमुथा, सोहन वेदमूथा, रमेश लुंकड, विमल शाह, भरत शाह, महावीर मेहता, रमनलाल संघवी, जयेश भाई, योगेशभाई, मनोज बाफना, आनंद चौधरी,मंगल तातेड़, किशोर शाह,भंवरलाल चौधरी,विजय राज छत्रगोता आदि उपस्थित रहे। आचार्य ने अनेक संघों की विनती को ध्यान में रखते हुए यहलंका जैन संघ और सिद्धाचल स्थूलभद्र धाम तीर्थ क्षेत्रों में अपना आगामी चातुर्मास घोषित किया है।