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वन मंत्री ने कर्नाटक में बीते साढ़े पांच वर्षों में मृत बाघों पर मांगी रिपोर्ट

मंत्री ने बाघों की हत्या से संबंधित चल रही जांच और देरी के कारणों का विवरण मांगा।मंत्री ने बीते महीने चामराजनगर जिले के काउडल्ली रेंज के रामपुर-मार्टल्ली सीमा पर एक तेंदुए की कथित हत्या की रिपोर्ट के बाद, घटना की जांच के आदेश दिए हैं।

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वन मंत्री ईश्वर खंड्रे ने अधिकारियों को पिछले साढ़े पांच वर्षों में राज्य Karnataka भर में बाघों की मृत्यु पर 10 दिनों के भीतर एक व्यापक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।

मंत्री ने मंगलवार को कहा कि उनके संज्ञान में आया है कि पिछले साढ़े पांच वर्षों में कर्नाटक में 82 बाघों की मौत Tiger Death हुई है। इन खबरों को गंभीरता से लेते हुए उन्होंने अतिरिक्त मुख्य सचिव और प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) को प्रत्येक मौत की जांच करने का निर्देश दिया। उन्होंने यह भी जानना चाहा है कि बाघों की अप्राकृतिक मृत्यु के मामलों में क्या कोई जांच की गई तथा क्या कोई रिपोर्ट प्राप्त हुई।

उन्होंने अधिकारियों से यह भी रिपोर्ट देने को कहा है कि क्या इनमें से किसी बाघ की मौत के बाद उसके शरीर के पंजे या कैनाइन जैसे अंगों को विकृत किया गया था और क्या लापरवाही के मामले में कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई थी? उन्होंने बाघों की हत्या और शिकार के मामलों में अब तक गिरफ्तार और दोषी ठहराए गए लोगों की संख्या के बारे में भी जानकारी मांगी।

इसके अलावा, मंत्री ने बाघों की हत्या से संबंधित चल रही जांच और देरी के कारणों का विवरण मांगा।मंत्री ने बीते महीने चामराजनगर जिले के काउडल्ली रेंज के रामपुर-मार्टल्ली सीमा पर एक तेंदुए की कथित हत्या की रिपोर्ट के बाद, घटना की जांच के आदेश दिए हैं।

यह निर्णय उन रिपोर्टों के बाद लिया गया, जिनमें कहा गया था कि एम.एम. हिल्स क्षेत्र में एक बाघिन और उसके चार शावकों की हत्या से कुछ सप्ताह पहले ही तेंदुए की मौत हुई थी। इस मामले में मंत्री ने एक सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है।