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Bengaluru : पूजा पंडालों में दिख रही लोक संस्कृति की झलक

Glimpse of folk culture seen in Durga pooja pandals ‘ढाकी रे ढाक बजा ढाक, आर मां के डाक’

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Durga pooja

Bengaluru Durga Pooja pandal

बेंगलूरु. मां भगवती प्राण प्रतिष्ठा के साथ भगवती का दरबार सज गया और दुर्गा पूजा की भक्ति में पूरा शहर भक्तिमय हो चुका है। महासप्तमी पर शनिवार को पारंपरिक पूजन विधानों के उपरांत सभी पूजा पंडालों में देवी दुर्गा के पट खुलते ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ दर्शन को उमड़ी।

जहां बांग्ला मंडपों में ढाक के मद्धम स्वर से पंडाल परिसर गूंज उठा, वहीं बिहारी पूजा पंडालों में शंख घंट की ध्वनि से वातावरण प्रतिध्वनित हो उठी। जबकि राजस्थानी और गुजराती पूजन पंडालों में गरबा और डांडिया पर लोग थिरक रहे हैं।

‘ढाकी रे ढाक बजा ढाक, आर मां के डाक... अर्थात ढाक बजाने वाले ढाक बजाओ, मां को बुलाओ’ के परंपरागत उद्घोषकों के बीच देवी दुर्गा की झलक पाने के लिए पूजा पांडालों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी।

पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, असम, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों के प्रवासियों द्वारा शहर में सैंकड़ों जगहों पर दुर्गा पूजा का भव्य आयोजन किया जा रहा है। हर पूजा समिति में संबंधित राज्यों की लोक परंपराओं के अनुसार पूजन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों से लेकर व्यंजनों का प्रबंध है। महाअष्टमी पर रविवार को महानिशा पूजा होगी और नवमी को कन्या पूजन आदि विधान होंगे। साथ ही आयुध पूजा भी मनाई जाएगी।