
,,बिना लक्षण वाले मरीजों को घर पर करें आइसोलेट,सीएम ने कहा, युवती के संबंध नक्सलियों से, जमानत नहीं मिलनी चाहिए,बिना लक्षण वाले मरीजों को घर पर करें आइसोलेट
बेंगलूरु. कोरोना टास्क फोर्स के अधिकतर सदस्यों ने अस्पतालों पर रोगियों का बोझ कम करने के लिए राज्य सरकार को बिना लक्षण वाले व कम लक्षण वाले कोरोना पॉजिटिव रोगियों को होम आइसोलेशन में रखे जाने का सुझाव दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि अन्य गंभीर रोगों से पीडि़त कोरोना मरीजों पर अधिक ध्यान देने की जरुरत है।
इस बीच, सरकार राज्य में सीरो सर्वे कराने पर विचार कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि १५ जुलाई से बेंगलूरु और उडुपी में सर्वे हो सकता है। बुधवार को मुख्यमंत्री बी.एस. येडियूरप्पा ने विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ राज्य में कोविड के प्रबंधन व उपचार के लिए लागू की जाने वाली रणनीति पर दो घंटे से अधिक समय तक विचार-विमर्श किया।
विशेषज्ञों ने सरकार को गंभीर रोगियों के इलाज पर विशेष बल देने की सलाह दी। उन्होंने मामले दुगुने होने की अवधि को कम करने और बंद स्थानों, निकट संपर्क व भीड़भाड़ वाले इलाकों में एहतियाती कदमों को कड़ाई से लागू करने का भी सुझाव दिया। चिकित्सकों ने बैठक में गैर लक्षण वाले कोरोना रोगियों का टेलीमेडिसन पद्धति का इस्तेमाल करके उपचार करने की भी सलाह दी।
उन्होंने कहा कि संपर्क का पता लगाने के लिए फील्ड स्तर पर स्टाफ की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए और इसके लिए अन्य विभागों की सेवाओं का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।टेली आइसीयू का करें प्रभावी इस्तेमालचिकित्सक डॉ. प्रदीप रंगप्पा ने कहा कि टेली आइसीयू का प्रभावी इस्तेमाल किया जाना चाहिए और उपचार के प्रोटोकाल के बारे में आन लाइन प्रशिक्षण दिया जाना भी आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि देश के दूसरे शहरों की तुलना में राज्य में कोरोना की मृत्यु दर कम है और प्रदेश के सभी कोविड अस्पतालों को उपचार प्रोटोकॉल व टेली आइसीयू के बारे में समय-समय पर परामर्श दिया जाना चाहिए। रोगियों के प्रभावी उपचार के लिए आक्सीजन आपूर्ति की श्रंृखला और नई दवायों की आपूर्ति बनाए रखी जानी चाहिए।बिना लक्षण वाले रोगियों को होम आइसोलेशन में रखें
नारायण नेत्रालय के डॉ. भुजंग शेट्टी ने कहा कि बिस्तरों के अभाव में रोगियों के भटकने की समस्या का निदान करने के लिए बिना लक्षण वाले रोगियों को होम आइसोलेशन में रखकर उनका टेलिमेडिसन के जरिए इलाज किया जाना चाहिए। इससे कोविड अस्पतालों में गंभीर रोगियों के लिए अनेक बिस्तर खाली रखे जा सकेंगे और कोविड अस्पताल में लक्षण वाले लोगों का अच्छी तरह से उपचार किया जा सकेगा।
संक्रमितों की उत्तम चिकित्सा हमारी वरीयता होनी चाहिए। डॉ. सतीश पद्मनाभन ने कहा कि कम लक्षण वाले रोगियों को घर में आइसोलेट किया जाना चाहिए और उनमें जुकाम, सांस लेने में तकलीफ होने की स्थिति में अस्पताल में भर्ती करवाया जाना चाहिए। कोरोना की फिलहाल कोई वैक्सीन नहीं है लिहाजा हमारे पास इससे बचाव करने के लिए मास्क लगाना अनिवार्य करना, सामाजिक दूरी बनाकर रखना व बार हाथों को धोना ही एकमात्र वैक्सीन है।
बैठक में विशेषज्ञ चिकित्सकों ने कहा कि इस महामारी को लेकर लोगों में भय का वातावरण है। लोगों को विश्वास में लिया जाना चाहिए और जनता के बीच व्यापक स्तर पर जागरुकता उत्पन्न की जानी चाहिए।सुझाव पर सीएम करेंगे फैसलाबैठक के बाद राज्य के चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. सुधाकर ने कहा कि राज्य सरकार कोरोना से निपटने के लिए हर संभव तकनीकी सहयोग ले रही है और लोगों को सरकार पर विश्वास रखना चाहिए।
पिछले आठ दिनों में राज्य में कोरोना के प्रकरण अधिक संख्या में बढ़े हैं और मौतों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि बैठक में दिए गए विशेषज्ञों के सुझावों पर मुख्यमंत्री अधिकारियों के साथ चर्चा करेंगे और बुधवार रात या गुरुवार सुबह तक इस बारे में दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। बैठक में 20 से अधिक चिकित्सकों व विशेषज्ञों ने भाग लिया।
Published on:
02 Jul 2020 08:36 pm
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