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…ताकि कोई बच्चा पैसे के अभाव में शिक्षा से वंचित न हो

‘मेरे जीवन का एक ही मकसद है कि कोई भी निर्धन बच्चा अगर पढऩा चाहता है और पढक़र बढऩा चाहता है तो मात्र पैसों की वजह से शिक्षा से वंचित नहीं हो।

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 Super 30

बेंगलूरु. ‘मेरे जीवन का एक ही मकसद है कि कोई भी निर्धन बच्चा अगर पढऩा चाहता है और पढक़र बढऩा चाहता है तो मात्र पैसों की वजह से शिक्षा से वंचित नहीं हो। पढऩे वाला बच्चा मुझसे संपर्क करे, उसे पढ़ाऊंगा। पढ़ाई के लिए आवश्यक वातावरण प्रदान करूंगा।’


यह कहना है ‘सुपर ३०’ फेम आनंद कुमार का। अपने शिक्षा अभियान सुपर ३० की विस्तार योजना के तहत बेंगलूरु आए आनंद कुमार ने पत्रिका से बातचीत में बताया कि आज समाज में नि:शुल्क शिक्षा देने की जरूरत है। वे ‘हाउ एण्ड व्हाई’ पर काम कर रहे हैं। बच्चों को ‘कारण’ बताने का काम कर रहे हैं ताकि वे अच्छी तरह से समझ सकें। उनका मानना है कि बच्चों को पढ़ाई का अच्छा वातावरण मिल गया तो इतनी प्रतिभाएं निखर आएंगी कि उनसे नए भारत का निर्माण होगा। सच मेंं भारत विश्व गुरु बनेगा।

आनंद ने बताया कि घर पर उनके परिवार के सभी सदस्य, जो आइआइटीयन हैं वे बच्चों को आइआइटी में प्रवेश के लिए पढ़ाई में पूरी मदद कर रहे हैं। हिंदी में पढ़ाते हैं और लिखते अंग्रेजी में, ताकि वे अच्छे से समझ जाएं। वे बच्चों को अपने परिवार का हिस्सा मानते हैं। उनसे दिल का कनेक्शन है, कोई ड्यूटी जैसा नहीं है। वे किसी से कोई डोनेशन नहीं लेते बल्कि शाम को ट्यूशन करके कुछ आय अर्जित करते हैं, जिससे बच्चों की पढ़ाई पूरी कराते हैं।


दक्षिण से भी चुनेंगे बच्चे
आनंद ने बताया कि ‘सुपर30’ का विस्तार करते हुए अगले वर्ष से ६० बच्चों को पढ़ाएंगे। वर्ष २०१९ से दक्षिणी राज्यों से भी गरीब बच्चों का चयन करेंगे। कर्नाटक में भी सेंटर स्थापित करेंगे। देश के हर क्षेत्र में सेंटर स्थापित करने की योजना है। वर्तमा

न में आइआइटी में लड़कियां मात्र १४ प्रतिशत हैं, जो काफी कम है।


बन रही है फिल्म

आनंद ने बताया कि उनके जीवन पर फिल्म बन रही है। जिसमें अभिनेता ऋतिक रोशन प्रमुख भूमिका में होंगे।

मात्र 10 हजार में कोचिंग
आनंद ने बताया कि आई स्कॉलर के प्रबंध निदेशक रिटायर्ड कर्नल राजेंद्र प्रसाद नडेला ने उनसे संपर्क कर आइआइटी-जेइइ के लिए गरीब बच्चों की तैयारी करवाने का आग्रह किया। उन्हें बताया कि वे मात्र १० हजार रुपए में सारा कोर्स पढ़ाएंगे। ऑनलाइन मदद करेंगे। बीपीएल वर्ग के बच्चों को नि:शुल्क पढ़ाएंगे। आनंद ने बताया कि उनकी ‘आई३०’ योजना अच्छी लगी। उन्हें हिंदी, अंग्रेजी दोनों भाषा में पढ़ाने का सुझाव दिया, क्योंकि गरीब बच्चा प्राइवेट स्कूल से नहीं आता है। देश में बड़़े-बड़े कोचिंग, इंस्टीट्यूट, स्कूल हैं लेकिन गरीब बच्चों के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। आइआइटी पढऩे में लाखों का खर्च होता है।

उन्होंने कहा कि जो भी बच्चा आइआइटी करना चाहता है वह ‘आइ३०’ का फायदा उठाए। जो बच्चा १० हजार रुपए देने में असमर्थ है उसका सपना भी साकार किया जाएगा। आनंद ने ‘सुपर ३०’ में चयन मापदण्ड के बारे में बताया कि वे पटना सहित बिहार के सुदूर ग्रामीण इलाके से गरीब बच्चों का चयन करते हैं। खासतौर से सरकारी स्कूल से पढऩे वाले और खर्च वहन करने में असमर्थ बच्चों का।

सहयोग करते हैं मेरे पढ़ाए बच्चे
आनंद ने बताया कि उनके पढ़ाए ४५० में से ३९६ बच्चों का देश के विभिन्न आइआइटी इंस्टीट्यूशंस में दाखिला हुआ है। वहां से पढ़ाई पूरी कर आज दुनियाभर में अच्छे रोजगार पा रहे योग्य बच्चे उनका सहयोग करते हैं। वे समय मिलने पर मिलने आते हैं और उनके पास अध्ययनरत गरीब बच्चों की पढ़ाई में मदद करते हैं। बच्चों को पढ़ाई संबंधी यथासंभव आवश्यक सुविधाएं भी मुहैया करवाते हैं।