scriptकर्नाटक: पाला बदल भाजपा में आए विधायकों के बयान पर तिलमिलाए मंत्री ईश्वरप्पा | K.S. Eshwarappa taken serious exception to some MLAs | Patrika News

कर्नाटक: पाला बदल भाजपा में आए विधायकों के बयान पर तिलमिलाए मंत्री ईश्वरप्पा

locationबैंगलोरPublished: Dec 17, 2019 09:52:22 pm

Submitted by:

Rajeev Mishra

भाजपा की विचारधारा के अनुरूप ढलने की दी सलाह

कर्नाटक: पाला बदल भाजपा में आए विधायकों के बयान पर तिलमिलाए मंत्री ईश्वरप्पा

कर्नाटक: पाला बदल भाजपा में आए विधायकों के बयान पर तिलमिलाए मंत्री ईश्वरप्पा

बेंगलूरु.

कांग्रेस-जद-एस से पाला बदलकर भाजपा में आए कुछ विधायकों के बयान पर ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री केएस ईश्वरप्पा ने आपत्ति जताते हुए उन्हें पार्टी की विचारधारा के अनुरूप चलनेे की हिदायत दी। भाजपा के टिकट पर उपचुनाव जीतने वाले इन विधायकों ने हाल ही में कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या को अपना नेता बताया था।

दरअसल, जब ये विधायक कांग्रेस-जद-एस गठबंधन सरकार में थे तब भी सिद्धरामय्या को अपना नेता बताया था जिसपर तत्तकालिन मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने आपत्ति जताई थी। तब उनका यह बयान कांग्रेस और जद-एस गठबंधन सरकार में खटास का कारण बना। इस बार उनका यह बयान सत्तारूढ़ भाजपा सरकार के मंत्री केएस ईश्वरप्पा को नागवार गुजरा है। शिवमोग्गा में मंगलवार को भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी ने नव आगंतुकों का पूरे मनोयोग से स्वागत किया है। वे उपचुनाव जीतकर आए हैं। भाजपा के कार्यकर्ताओं ने इसके लिए कड़ी मेहनत की। चूंकि, वे भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतकर आए हैं इसलिए उन्हें सिद्धरामय्या को अपना नेता नहीं कहना चाहिए। भाजपा विचारधारा हिंदुत्व आधारित है लेकिन सिद्धरामय्या इसके कट्टर विरोधी हैं। नव निर्वाचित विधायकों को अब भाजपा की विचारधारा के साथ चलना होगा।

दरअसल, हाल ही में तबियत बिगडऩे के बाद अस्पताल में इलाज के लिए गए सिद्धरामय्या से उनका हाल-चाल पूछने गए रमेश जारकीहोली, बैरती बसवराज, एसटी सोमशेखर और बीसी पाटिल में से कुछ नेताओं ने फिर दोहराया कि भले ही वे भाजपा में शामिल हो चुके हैं लेकिन अभी भी सिद्धरामय्या को ही अपना नेता मानते हैं।एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जिस तरह कांग्रेस-जद-एस के विधायक विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए वैसी ही परिस्थितियां भाजपा के सामने भी उपस्थित हो सकती हैं। इससे बचने के लिए पार्टी को पहले से ही तैयार रहना चाहिए और विधायकों को पार्टी की विचारधारा के अनुरूप ढालने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा अगला विधानसभा चुनाव अपनी संगठनात्मक क्षमता के आधार पर लड़ेगी न कि सफलता के लिए किसी एक नेता, जाति या पैसे पर निर्भर होगी। नव नियुक्त प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नलीन कुमार कटील की प्रशंसा करते हुए कहा कि पार्टी उनके नेतृत्व में अगला विधानसभा चुनाव लड़ेगी और पूर्ण बहुमत से सत्ता में आएगी। वे जमीनी स्तर के नेता हैं और कार्यकर्ताओं के साथ काम करने का व्यापक अनुभव रखते हैं।

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