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इंजीनियर बनना 10 फीसदी महंगा

पिछले साल कोरोना महामारी का हवाला देते हुए प्रदेश सरकार ने निजी कॉलेज प्रबंधनों को फीस नहीं बढ़ाने के लिए कहा था। हालांकि, सहमति समझौते पर हस्ताक्षर करते हुए सरकार ने 2022-23 के लिए 10 प्रतिशत शुल्क वृद्धि का आश्वासन दिया था।

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इंजीनियर बनना 10 फीसदी महंगा

इंजीनियर बनना 10 फीसदी महंगा

इंजीनियर बनने के लिए राज्य के विद्यार्थियों को अब 10 फीसदी ज्यादा खर्च करना पड़ेगा।

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. सी. एन. अश्वथनारायण ने बुधवार को इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि राज्य में स्नातक इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों की फीस चालू शैक्षणिक वर्ष के लिए 10 प्रतिशत बढ़ाई जाएगी। उन्होंने कहा कि कर्नाटक गैर अनुदानित निजी इंजीनियरिंग कॉलेज संघ (केयूपीइसीए) ने 25 फीसदी बढ़ोतरी की मांग की थी। लेकिन, उच्च शिक्षा विभाग ने शैक्षणिक वर्ष 2021-22 में निजी कॉलेजों के साथ किए गए सहमति समझौते के अनुसार 10 प्रतिशत की वृद्धि पर विचार किया।

पिछले साल कोरोना महामारी का हवाला देते हुए प्रदेश सरकार ने निजी कॉलेज प्रबंधनों को फीस नहीं बढ़ाने के लिए कहा था। हालांकि, सहमति समझौते पर हस्ताक्षर करते हुए सरकार ने 2022-23 के लिए 10 प्रतिशत शुल्क वृद्धि का आश्वासन दिया था।

मंत्री ने स्पष्ट किया कि तय शुल्क के अलावा कॉलेज विद्यार्थियों से किसी तरह के अतिरिक्त शुल्क के नाम पर 20 हजार रुपए से ज्यादा नहीं ले सकेंगे। इसे लेकर सभी कॉलेज प्रबंधन को चेताया गया है। मामला सामने आने पर संबंधित कॉलेजों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।

उन्होंने कहा कि विश्वेश्वरय्या प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (वीटीयू) की एक विशेषज्ञ समिति कौशल प्रशिक्षण शुल्क तय करेगी।

अब अलग से कॉमेड-के नहीं
बेंगलूरु. कंसोर्टियम ऑफ मेडिकल इंजीनियरिंग एंड डेंटल कॉलेज ऑफ कर्नाटक (कॉमेड-के) अगले शैक्षणिक वर्ष से इंजीनियरिंग के स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए अलग से प्रतियोगी परीक्षा का आयोजन नहीं करेगा। इसे राज्य सरकार की ओर से आयोजित कर्नाटक कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (के-सीइटी) में मिला दिया जाएगा।

निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों के प्रतिनिधियों व प्रदेश सरकार के बीच बुधवार को हुई बैठक में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। हालांकि, कुछ संगठन इसके पक्ष में नही हैं। कर्नाटक गैर अनुदानित निजी इंजीनियरिंग संघ (केयूपीइसीए) तकनीकी समिति के अध्यक्ष मंजूनाथ भंडारी ने कहा कि अगले वर्ष से कॉमेड-के बीते दिनों की बात होगी। सीइटी के तहत ही सीटें मिलेंगी।

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. सी. एन. अश्वथनारायण ने कहा कि कॉमेड-के रद्द होने के बाद से सीइटी का आयोजन राष्ट्रीय स्तर पर करने की योजना है।