34 हजार कर्मचारियों को मिलेगी हृदय जांच की सुविधा
कर्नाटक राज्य सडक़ परिवहन निगम (केएसआरटीसी) ने जयदेव इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी एंड रिसर्च के साथ पांच साल के लिए अपने सभी कर्मचारियों की हृदय चिकित्सा जांच के लिए एमओयू किया है। निगम "स्वस्थ कर्मचारियों को संगठन की संपत्ति" मानता है। वर्तमान में निगम में 34000 कर्मचारी कार्यरत हैं, इनमें से 24686 ड्राइवर और कंडक्टर हैं। निगम कर्मचारियों की कार्यशैली, जीवनशैली और अन्य कारणों से दिल का दौरा/हृदय संबंधी बीमारियां बहुत आम हैं।
हृदय संबंधी बीमारियां 40 वर्ष से अधिक उम्र के ड्राइवरों, कंडक्टरों और अन्य कर्मचारियों में अधिक मिलती हैं। नियमित हृदय जांच/परीक्षण से संभावित दिल के दौरे को रोकने में मदद मिल सकती है और एहतियाती कदम उठाने से जीवन बचाया जा सकता है। निगम के सभी कर्मचारियों को हृदय से संबंधित विशिष्ट परीक्षण/जांच कराने, कर्मचारियों के बीच जागरूकता पैदा करने और उन्हें सक्रिय उपाय करने के लिए प्रेरित करने की आवश्यकता को महसूस करते हुए केएसआरटीसी ने जयदेव इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी एंड रिसर्च के सहयोग से एक पहल की है। हृदय से संबंधित दस मेडिकल जांच कराने का निर्णय किया है।
केएसआरटीसी ने गुरुवार को जयदेव संस्थान के साथ एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए। यह एमओयू अगले पांच वर्षों के लिए वैध रहेगा। इस अवसर पर जयदेव संस्थान के डॉ. सी.एन मंजूनाथ ने कहा मानव स्वास्थ्य बहुत महत्वपूर्ण है और इसे खरीदा नहीं जा सकता। आजकल दिल का दौरा पडऩे की दर बढ़ती जा रही है और कम उम्र में यह अधिक देखी जाती है। यह योजना बीएमटीसी में भी प्रचलित है जहां 45 वर्ष और उससे अधिक आयु के कर्मचारियों को इस योजना के तहत कवर किया जाता है, लेकिन केएसआरटीसी में यह योजना 40 वर्ष और उससे अधिक के कर्मचारियों के लिए भी लागू है जो अच्छी बात है क्योंकि इस आयु वर्ग के लोगों को भी दिल की बीमारियों का खतरा होता है। उन्होंने कहा कि निगम ने हमारे संस्थान के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है और अब से कर्मचारियों की हृदय संबंधी बीमारियों की पहचान करना हमारी जिम्मेदारी है। इस अवसर पर सेवा के दौरान दुर्घटना में जान गंवाने वाले दो कर्मचारियों के आश्रितों को एक-एक करोड़ रुपए का दुर्घटना बीमा चेक वितरित किए गए।
डॉ.सी.एन.मंजूनाथ ने इस विशेष योजना पर अत्यंत प्रसन्नता व्यक्त की और दर्शकों को सूचित किया कि इस प्रकार की 1 करोड़ रुपये की सडक़/ऑफ रोड दुर्घटना राहत बीमा योजना बहुत अनूठी है और कहीं भी लागू नहीं की गई है। परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने कहा कि जयदेव संस्थान के साथ समझौता हृदय संबंधी और अन्य जांच की सुविधा प्रदान करेगा और इस तरह कर्मचारियों की जान बचाएगा। निगम के विकास में कर्मचारियों की अहम भूमिका है और उनका पूरा ख्याल रखना उनकी प्राथमिकता है।
प्रबंध निदेशक वी.अंबुककुमार ने कहा कि निगम ने कर्मचारियों के कल्याण और उनके पारिवारिक हितों की रक्षा के लिए कई योजनाएं लागू की है। 40 वर्ष से अधिक आयु के कर्मचारियों की चिकित्सा जांच के लिए जयदेव संस्थान के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है, जिससे लगभग 21,000 कर्मचारियों को सुविधा मिलेगी। परीक्षण कराने वाले कर्मचारी की ओर से निगम जयदेव अस्पताल को प्रति वर्ष 1200 रुपए और 2.55 करोड़ रुपए का भुगतान करता है। उन्होंने कहा इस योजना से 62 प्रतिशत कर्मचारियों को लाभ प्राप्त होगा। धर्मस्थल डिपो के सहायक यातायात निरीक्षक मंजूनाथ टी. की गत 17 मार्च को अपने दोपहिया वाहन से गिरने पर मृत्यु हो गई थी। वहीं बेंगलूरु सेंट्रल डिपो के ड्राइवर सह कंडक्टर की भी 4 अप्रेल को मृत्यु हो गईं थी। उनके आश्रितों को एक-एक करोड़ की दुर्घटना राहत के चेक दिए गए।