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बैंगलोर

सौ वर्ष के पुराने भवनों को चिह्नित करने में लापरवाही

सौ वर्ष पार के भवनों का सर्वे करने के लिए महानगर निगम ने दो वर्ष पूर्व आदेश दिया था। इस आदेश की कोई कीमत ही नहीं रह गई है।

बैंगलोरApr 07, 2018 / 10:39 pm

शंकर शर्मा

सौ वर्ष के पुराने भवनों को चिह्नित करने में लापरवाही

हुब्बल्ली. सौ वर्ष पार के भवनों का सर्वे करने के लिए महानगर निगम ने दो वर्ष पूर्व आदेश दिया था। इस आदेश की कोई कीमत ही नहीं रह गई है। शहर के रेलवे स्टेशन परिसर स्थित पार्सल भवन 8 फरवरी 2016 को गिरा था। इस हादसे में सात जनों की मृत्यु हुई थी। सौ वर्ष से अधिक पुराने इस भवन को हटाने को लेकर रेलवे विभाग की ओर से दी गई रिपोर्ट को क्रियान्वित करने में अधिकारियों ने लापरवाही बरती थी। इसके नतीजे सात जनों की जाने चली गई।


इस हादसे के बाद दक्षिण पश्चिम रेलवे (दपरे) ने अपने कार्य क्षेत्र में आने वाले सौ वर्ष से अधिक पुराने भवनों की समीक्षा करने का अधिकारियों को आदेश दिया था। इसी दौरान हुब्बल्ली-धारवाड़ महानगर निगम के तत्कालीन आयुक्त सीएम नूरमनसूर ने भी महानगर निगम के कार्य-क्षेत्र में आने वाले सौ वर्ष पुराने भवनों को चिन्हित कर रिपोर्ट सौंपने का महानगर निगम क्षेत्रीय कार्यालयों के सहायक आयुक्तों को निर्देश दिया था।


रेलवे पार्सल भवन के गिरने से सतर्क हुए दपरे ने अपने कार्य-क्षेत्र में आने वाले सौ वर्ष पुराने भवनों को चिन्हित कर रिपोर्ट तैयार की है। बल्लारी रेलवे स्टेशन भवन, कैसलरॉक तथा कोलेम रेलवे स्टेशन प्लाट फार्म शेल्टर, हुब्बल्ली वर्कशॉप भवन, मैसूरु वर्कशॉप भवन, मैसूरु रेल मंडल प्रबंधक भवन, मैसूरु-चामराजनगर के बीच का कबिनी पुल, बेंगलूरु कंटोनमेंट रेलवे स्टेशन, बेंगलूरु सुपरवायजर प्रशिक्षण केंद्र का भवन, सीआरसी-एसबीसी अधिकारियों के बंगले, डीआरएम-एसबीसी के बंगले तथा मैसूरु रेलवे स्टेशन भवन सौ साल पार कर चुके हैं।

इनमें मैसूरु स्टेशन 18 70 में निर्माण हुआ है तो बेंगलूरु कंटोनमेंट 18 99 में तथा बल्लारी रेलवे स्टेशन 1904 में निर्माण हुआ है। इस रिपोर्ट के आधार पर दपरे भवनों की क्षमता परीक्षण के नतीजों के आधार पर आगामी कार्रवाई करेगा।


सौ साल पार नगर निगम के भवन
चिटगुप्पी अस्पताल भवन खतरे की कगार पर होने के बावजूद अभी भी यहां मरीजों का इलाज किया जा रहा है। 35 से अधिक बेड इस भवन में हैं। भीतरी मरीजों का इलाज किया जा रहा है। होसूर सर्कल स्थित महानगर निगम भवन का निर्माण हुए सौ वर्ष बीत चुके हैं।


इस भवन को गिराकर इस जगह पर स्मार्टसिटी आईकॉन भवन निर्माण करने का फैसला लिया गया है। चन्नम्मा सर्कल के जनता बाजार स्थित महानगर निगम के स्वामित्व का भवन भी सौ साल पार कर चुका है। सैकड़ों व्यापारी यहां फूल-फल, सब्जी आदि का व्यापार करते हैं। प्रतिदिन हजारों लोग यहां आते हैं।

महागर निगम की लापरवाही
रेलवे पार्सल भवन को गिरे दो वर्ष बीतने के बाद भी हुब्बल्ली-धारवाड़ महानगर निगम के तत्कालीन आयुक्त की ओर से दिए गए आदेश को अब तक लागू नहीं करना अधिकारियों की लापरवाही व गैर जिम्मेदारी को दर्शाता है। जनता ने आक्रोश व्यक्त करते हुए पूछा कि खतरे की कगार पर स्थित एक और भवन के गिरने के बाद ही क्या महागर निगम अधिकारी जागेंगे। महानगर निगम मुख्य कार्यालय के बगल स्थित चिटगुप्पी अस्पताल का निर्माण हुए 124 वर्ष बीत चुके हैं। 18 94 में राव बहाद्दूर श्रीनिवास ने इस भवन का निर्माण किया था।

अधिकारी उदासीन
अब निजी व्यक्तियों के स्वामित्व वाले बंकापुर चौक के पास स्थित बिल्डिंग समेत निजी तथा महानगर निगम के स्वामित्ववाले कई भवन 100 वर्ष पूरे किए हैं और खतरे की कगार पर हैं। ऐसे भवनों को चिन्हित कर कार्रवाई करने के साथ संभावित हादसों की रोकथाम के लिए महानगर निगम अधिकारियों को आगे आना चाहिए।

रिपोर्ट शीघ्र मंगवाई जाएगी
महानगर निगम क्षेत्रीय कार्यालयों के सहायक आयुक्तों को तुरन्त संपर्क कर सौ वर्ष पूरे कर चुके भवनों की रिपोर्ट शीघ्र मंगवाई जाएगी। सुधीर सराफ, महापौर, हुब्बल्ली-धारवाड़ महानगर निगम

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