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कोरोना प्रभार को लेकर मंत्रियों में कोई विवाद नहीं- सुधाकर

- कहा संबंधित विभाग वाला ही प्रभारी - कोरोना नियंत्रण सामूहिक जिम्मेदारी बेंगलूरु में संक्रमितों की संख्या बढऩे के कारण निजी मेडिकल कॉलेजों से बिस्तर प्राप्त करने के संबंध में बैठक बुलाई गई। बेंगलूरु में 11 निजी मेडिकल कॉलेज हैं और उनके अस्पतालों में 10 हजार बिस्तर उपलब्ध हैं। इसमें से 4500 बिस्तर कोविड-19 के रोगियों को देने पर उन्होंने सहमति जताई है। इन अस्पतालों के कर्मचारियों का भी इस्तेमाल करने पर स्वीकृति प्रदान की है।

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कोरोना प्रभार को लेकर मंत्रियों में कोई विवाद नहीं- सुधाकर

कोरोना प्रभार को लेकर मंत्रियों में कोई विवाद नहीं- सुधाकर

बेंगलूुरु. राज्य के मेडिकल शिक्षा मंत्री डा. के. सुधाकर ने कहा कि कोरोना प्रभार को लेकर सरकार के मंत्रियों के बीच कोई विवाद नहीं है। बेंगलूरु में कोरोना का प्रभार उनके पास है। उनकी अनुपस्थिति मे मंत्री आर.अशोक ने अच्छी तरह काम किया है।

मंगलवार को होम क्वारंटाइन से लौटे सुधाकर ने विधानसौधा में निजी मेडिकल कॉलेजों के प्रमुखों के साथ मुख्यमंत्री की बैठक के बाद कहा कि मेडिकल शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी का वे निर्वाह कर रहे हैं लिहाजा बेंगलूरु कोविड प्रभारी की जिम्मेदारी भी वे ही ंसभालेंगे। उनका परिवार संक्रमित होने की वजह से वे क्वारंटाइन में थे। इसी कारण मुख्यमंत्री ने उनके विभाग का प्रभार आर. अशोक को सौंपा था। अब वे क्वारंटाइन पूर्ण कर लौट आए हैं लिहाजा प्रभार उन्हीं के पास रहेगा।

उन्होंने कहा कि कोरोना से संक्रमित उनकी पत्नी, पुत्रियों व पिता के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है और जल्द ही उनको अस्पताल से छुुट्टी दे दी जाएगी। उनका दो बार कोरोना परीक्षण किया गया है और रिपोर्ट नेगेटिव आई है। लिहाजा वे क्वारंटाइन समाप्त करके आज से ही काम पर लौटे हैं। उन्होंने कहा कि बेंगलूरु कोविड-19 प्रभारी मंत्री के पद को लेकर कोई विवाद नहीं है। कोरोना से निपटने के लिए मु यमंत्री येडियूरप्पा ही हमारे कप्तान है और हम सभी मंत्री टीम के सदस्य हैं। मु यमंत्री के निर्देश पर हम सभी काम कर रहे हैं।हममेेंं से कोई भी राजनीति नहीं कर रहा है। हम सभी कोरोना के नियंत्रण के लिए सामूहिक प्रयास करेंगे।

बेंगलूरु में संक्रमितों की संख्या बढऩे के कारण निजी मेडिकल कॉलेजों से बिस्तर प्राप्त करने के संबंध में बैठक बुलाई गई। बेंगलूरु में 11 निजी मेडिकल कॉलेज हैं और उनके अस्पतालों में 10 हजार बिस्तर उपलब्ध हैं। इसमें से 4500 बिस्तर कोविड-19 के रोगियों को देने पर उन्होंने सहमति जताई है। इन अस्पतालों के कर्मचारियों का भी इस्तेमाल करने पर स्वीकृति प्रदान की है।

रोगियों के उपचार के लिए निजी मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थियों का भी इस्तेमाल करने का निर्णय किया गया है। कुछ निजी कालेजों के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति नहीं देने की शिकायतें मिली हैं। छात्रवृत्ति नहीं देने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। सुधाकर ने कहा कि पूर्व में कोरोना परीक्षण के लिए राज्य में केवल दो प्रयोगशालाएं थी लेकिन अब इनकी संख्या बढ़कर 80 तक पहुंच गई है। जुलाई माह में संक्रमण बढऩे की बात उन्होंने पहले ही कह दी थी। लेकिन इससे किसी को चिंतित होने की जरूरत नहीं है क्योंकि सरकार ने तमाम एहतियाती कदम उठाए हैं।