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ईवीएम को लेकर अफवाह फैलाई तो खैर नहीं

मशीनों की निष्पक्षता पर अंगुली उठाने वालों को राज्य के सीईओ ने दी नसीहत

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ईवीएम को लेकर अफवाह फैलाई तो खैर नहीं

ईवीएम को लेकर अफवाह फैलाई तो खैर नहीं

बेंगलूरु. सावधान! अगर आप इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) तथा वोटर वेरीफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) की निष्पक्षता पर अंगुली उठाने वाली बातें कर रहे हैं तो सतर्क हो जाइए। सोशल मीडिया अथवा अन्य माध्यमों से ऐसी सूचनाओं का प्रचार-प्रसार करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है

बेंगलूरु के लिए एम-2 ईवीएम
प्रायोगिक तौर पर बेंगलूरु शहर के विधानसभा क्षेत्रों के लिए एम-2 (मॉडल-२) ईवीएम का उपयोग किया जाएगा। सभी मतदान केंद्रों में वीवीपैट के उपयोग के कारण 25 फीसदी अधिक कर्मचारी नियुक्त करने होंगे। हर मतदान केंद्र में अब 4 के बदले 5 कर्मचारी नियुक्त किए जाएंगे। राज्य में चुनाव प्रक्रिया के लिए 4 लाख 5 हजार तक कर्मचारियों की आवश्यकता होगी।

ईवीएम को लेकर अफवाह फैलाई तो खैर नहीं IMAGE CREDIT: File Photo

बेंगलूरु. सावधान! अगर आप इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) तथा वोटर वेरीफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) की निष्पक्षता पर अंगुली उठाने वाली बातें कर रहे हैं तो सतर्क हो जाइए। सोशल मीडिया अथवा अन्य माध्यमों से ऐसी सूचनाओं का प्रचार-प्रसार करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) ने इस संदर्भ में नसीहत दी है। सीईओ संजीव कुमार ने कहा है कि एईवीएम व वीवीपैट को लेकर बेबुनियाद तथा भ्रामक प्रचार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उन्होंने दावा किया है कि ईवीएम से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ संभव नहीं है।
ज्ञात हो कि हाल ही में कुछ राजनेताओं ने ईवीएम की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए परंपरागत मतपत्रों के जरिए चुनाव की मांग रखी थी, इसी परिप्रेक्ष्य में राज्य चुनाव आयोग की ओर से यह चेतावनी जारी की गई है।
मुख्य चुनाव अधिकारी संजीव कुमार ने बुधवार को पत्रकार वार्ता में बताया कि ईवीएम को लेकर किसी के मन में कोई संदेह न हो इसलिए आगामी विधानसभा चुनाव में सभी मतदान केंद्रों में ईवीएम के साथ वीवीपैट का उपयोग किया जाएगा, जिसके कारण मतदाता को इस बात का पता लगेगा कि उसने किस प्रत्याशी को मत दिया है। अगर वीवीपैट में गलत जानकारी होगी तो मतदाता उसी समय आपत्ति दर्ज कर सकता है। किसी मामले में अगर तकनीकी गलती साबित होगी तो उस मतदाता को दोबारा मतदान करने का अवसर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में एक ही चरण में मतदान होने के कारण 70 हजार से अधिक ईवीएम की आवश्यकता है। इसमें से विभिन्न राज्यों से 59 हजार ईवीएम यहां पहुंच गए हैं। 15 मार्च तक राज्य के लिए आवश्यक ईवीएम तथा वीवीपैट यहां पहुंच जाएंगे। सभी ईवीएम की तकनीकी जांच के प्रमाणपत्र मिलने के बाद ही इनका उपयोग किया जाएगा।

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...गलत शिकायत की तो ६ माह की कैद
लेकिन इस मामले में गलत शिकायत करने पर मतदाता को छह माह के कारावास की सजा मिलेगी। हाल में संपन्न गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान ऐसा गलत दावा करनेवाले दो मतदाताओं को कारावास की सजा सुनाई गई है।
बेंगलूरु. बृहद बेंगलूरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) के अंतर्गत कुल ८७ लाख ९८ हजार ३३५ मतदाता हैं, जिनमें से ३ लाख १६ हजार ४६७ नए नाम शामिल किए गए हैं। पालिका के आयुक्त एन. मंजूनाथ प्रसाद ने बुधवार को कहा कि ५ लाख ३७ हजार ७१७ आवेदन मिले थे, जिनमें४ लाख ६६ हजार ८०९ आवेदन स्वीकार कर ७० हजार ९०८ को रद्द किया गया। पालिका के अधिकारी और राजस्व विभाग के अधिकारियों ने खुद संबंधित पते पर देखा तो कई लोगों के पास कोई दस्तावेज नहीं थे। कई लोगों ने निवास बदल लिए थे।
सर्वाधिक नाम दक्षिण विधानसभा में जुड़े
पालिका के अंतर्गत बुधवार की शाम तक कुल ४६ लाख ४ हजार १९० पुरुष और ४१ लाख ९२ हजार ७०६ महिला तथा १,४३९ अन्य मतदाता हंै। १ लाख ५८ हजार ७२८ पुरुष और १ लाख ५७ हजार ७३९ महिलाओं ने अपना नाम मतदाता सूची में शामिल कराया है। बेंगलूरु दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक २५,९७३, राजराजेश्वरी नगर में २५,८२५, यशवंतपुर में २५,७१४, महादेवपुर मेंं २३,३४२ नाम मतदाता सूची में शामिल किए गए। गांधी नगर में ११,४२३, पुलिकेशी नगर मेंं १००६५, महादेवपुर में ६७१५ और बेेंगलूरु दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में ६४९० अर्जियों को रद्द किया गया।

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5 मार्च को ईवीएम का प्रदर्शन
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं कर सकता। ईवीएम के साथ वीवीपैट लगाया जाता है, जिसमें मतदान करने वाले का नाम और कार्ड नंबर वाली पर्ची केवल सात सेकेन्ड में प्रिन्ट होगी। मध्यप्रदेश , गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार आदि राज्यों से आई मशीनों को स्ट्रांग रूम में रखा गया है। ५ मार्च २०१८ से सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को ईवीएम दिखाने के अलावा इसमें कुछ भी रिकार्ड नहीं होने की पुष्टि कराने के बाद फिर स्ट्रांग रूप में रखा जाएगा। इस अवसर पर बीईएल कंपनी के अधिकारी भी उपस्थित होंगे।
उन्होंने कहा कि पालिका के अंतर्गत बांग्लादेश और अन्य देशों के नागरिकों के अवैध रूप से रहने और उन्हें मतदाता पहचान कार्ड जारी होने का आरोप है। नियमानुसार यहां रहने वाला कोई भी व्यक्ति मतदाता पहचान काड के लिए अर्जी के साथ दस्तावेज देता है तो उसे पहचान कार्ड देना ही पड़ेगा। जहां तक गैर भारतीय नागरिकों को देश से बाहर करना और ऐसे लोगों की पहचान का सवाल है तो यह गृह विभाग का काम है। अर्जी धारक किस देश और राज्य का है, पालिका इसे नहीं देखता। राजनीतिक विज्ञापनों पर पालिका की ओर से कड़ी नजर रखी जाएगी।पिं्रटिंग प्रेस में अवैध रूप से पोस्टर, पंफ्लेट या अन्य कागजात की छपाई हुई तो कानून के तहत कार्रवाई होगी। टीवी चैनलों की निगरानी की जाएगी।मतदान की दर अधिक करने के लिए जागृति अभियान चलाया जाएगा। पालिका के अंतर्गत ९९ फीसदी लोगों के पास मतदाता पहचान कार्ड है। आयुक्त ने बताया कि बेंगलूरु शहरी इलाकों में कुल ८,२८७ मतदान केन्द्र हैं। बेंगलूरु में लिंग अनुपात १००० के मुकाबले ९२१ है।
राज्य की मतदाता सूची में मतदाताओं की संख्या 4 करोड़ 96 लाख 56 हजार 59 है। कुमार ने बुधवार को बताया कि मतदाताओं की सूची में महिलाओं की अपेक्षा पुरुष मतदाताओं की संख्या अधिक है। मतदाताओं की अंतिम सूची के मुताबिक पुरुष मतदाताओं की संख्या 2 करोड़ 51 लाख 79 हजार 219 तथा महिला मतदाताओं की संख्या 2 करोड़ 44 लाख 72 हजार 28 8 है। अन्य वर्ग के मतदाताओं की संख्या 4 हजार 552 है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव की तुलना में मतदाताओं की संख्या बढ़ी है। राज्य के 224 विधानसभा क्षेत्रों में औसतन मतदाताओं की संख्या 2 लाख 21 हजार है। जो पिछले विधानसभा चुनाव में 1 लाख 8 3 हजार थी। पहली बार मतदान करनेवाले मतदाताओं की संख्या 15 लाख है। इसमें 7 लाख 72 हजार 6 49 युवा हैं।
उन्होंने कहा कि नामांकन पत्र वापस लेने की अंतिम तिथि तक मतदाता सूची में नाम शामिल करना, किसी का नाम हटाना तथा मतदाता का नाम संशोधित करने की प्रक्रिया जारी रहेगी। मतदाताओं के पास केवल मतदाता पहचान पत्र होना पर्याप्त नहीं है, उन्हें इस बात की भी जांच करनी होगी कि क्या उनका नाम मतदाताओं की सूची में शामिल है?

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