धर्म को जानने वाला दुर्लभ होता है-साध्वी शीतलगुणाश्री
वासुपूज्य स्वामी जैन संघ में धर्मसभा
धर्म को जानने वाला दुर्लभ होता है-साध्वी शीतलगुणाश्री
बेंगलूरु. इटा गार्डन अपार्टमेंट के वासुपूज्य स्वामी जैन संघ में विराजित साध्वी भव्यगुणाश्री व साध्वी शीतलगुणाश्री ने कहा कि आज के परिवेश में परिवारों में सब कुछ है, धन दौलत मकान सब है, लेकिन शांतिपूर्ण जीवन नहीं है। पूरे दिन में घर के चार सदस्य आपस में ढंग से नहीं मिल पाते। इसका कारण है मोबाइल, उभरता वेस्टर्न माहौल और देखा-देखी। आजकल के मॉडर्न माता-पिता बच्चों के कॅरियर को चमकाने के पीछे खुद अन्धकारमय होते जा रहे हैं। इन सबसे बाहर निकलो वर्ना और भी अकेले पड़ जाओगे। अपनों का साथ, अपनों का विकास, एक सुख का निवाला छप्पनभोग समान है। साध्वी शीतलगुणाश्री ने कहा कि धर्म को जानने वाला दुर्लभ होता है, उसे श्रेष्ठ तरीके से बताने वाला उससे भी दुर्लभ, श्रद्धा से सुनने वाला उससे दुर्लभ, और धर्म का आचरण करने वाला सुबुद्धिमान सबसे दुर्लभ है। जीतू लूनिया ने बताया कि साध्वी गुरुवार तक इटा संघ में विराजित रहेंगी। शुक्रवार सुबह विहार करके नाकोडा पार्श्वनाथ जैन संघ राजाजीनगर पहुंचेगी।
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