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सवारी गाड़ी पटरी से उतरी, छह की मौत, 145 यात्री घायल!

मैसूरु-बेंगलूरु रेल मार्ग पर बिड़दी-केंगेरी खंड में हेज्जाला स्टेशन के पास मंगलवार को सवारी गाड़ी के सुरंग में से निकलने के दौरान चार कोच पटरी से उतर गए। इस दुर्घटना में छह लोगों की मौत हो गई तथा 145 लोग घायल हो गए। रेल दुर्घटना की सूचना मिलने पर बेंगलूरु से एक्सीडेंट रिलीफ ट्रेन (एआरटी) साजो सामान के साथ मौके पर पहुंची और बचाव के लिए एनडीआरएफ, रेलवे सुरक्षा बल के जवान व अधिकारियों के साथ प्राथमिक उपचार के लिए चिकित्सा दल भी मौके पर पहुंचा।

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हेज्जाला के पास हुई रेल दुर्घटना!

बेंगलूरु. मैसूरु-बेंगलूरु रेल मार्ग पर बिड़दी-केंगेरी खंड में हेज्जाला स्टेशन के पास मंगलवार को सवारी गाड़ी के सुरंग में से निकलने के दौरान चार कोच पटरी से उतर गए। इस दुर्घटना में छह लोगों की मौत हो गई तथा 145 लोग घायल हो गए। रेल दुर्घटना की सूचना मिलने पर बेंगलूरु से एक्सीडेंट रिलीफ ट्रेन (एआरटी) साजो सामान के साथ मौके पर पहुंची और बचाव के लिए एनडीआरएफ, रेलवे सुरक्षा बल के जवान व अधिकारियों के साथ प्राथमिक उपचार के लिए चिकित्सा दल भी मौके पर पहुंचा। रेलवे के एआरटी स्टाफ ने मौके पर पहुंचते ही ट्रेन के कोच से घायलोंं को बाहर निकालने के लिए छत, खिडक़ी व गेट की कटिंग की। तत्पश्चात घायलों को बाहर निकाल कर दुर्घटना स्थल पर बनाए गए अस्थाई चिकित्सा शिविर में ले जाया गया जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें अस्पताल के लिए रैफर किया गया। घबराइए मत ये कोई हादसा नहीं था। ये भारतीय रेल आपदा प्रबंधन संस्थान हेज्जाला में आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे कर्मचारियों के कौशल परीक्षण का एक हिस्सा था। बचाव अभियान में 100 रेलवे कर्मियों ने प्रशिक्षुओं के साथ भाग लिया। भारतीय रेल आपदा प्रबंधन संस्थान हेज्जाला ने मंगलवार को अपने प्रशिक्षओं के कौशल परीक्षण के लिए मॉक ड्रिल का आयोजन किया था। इसके लिए हेज्जाला प्रशिक्षण केन्द्र के पास सुरंग में ट्रेन दुर्घटना का दृश्य तैयार किया गया था। आपदा से निपटने के लिए प्रशिक्षुओं की दो टीम बनाई गई थीं। कृत्रिम सुरंग में ट्रेन के चार कोच पटरी से उतारे गए थे। ट्रेन के प्रत्येक कोच में औसतन साठ किलो वजनी पुतले रखे गए थे। दुर्घटनाग्रस्त गाड़ी के पास अस्थाई चिकित्सा शिविर तथा जेसीबी व क्रेन भी रखी गई थी। कोच की छत तोडऩे, खिडक़ी व गेट काटने के साथ कोच का पिछला हिस्सा काटकर दुर्घटना में घायल हुए लोगों को बाहर निकालने का अभ्यास कराया गया।

इस अवसर पर भारतीय रेल आपदा प्रबंधन संस्थान के निदेशक वीवीएस श्रीनिवास ने पत्रकारों को बताया कि इस संस्थान में देशभर से रेलवे, एनडीआरएफ, रेलवे व रेलवे सुरक्षा बल के 11 हजार से अधिक कर्मचारी आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि अब तक सभी कर्मचारियों को रस्सी की सहायता घायलों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने, पानी में गिरी रेल कोच से घायलों को निकालने के साथ सुरंग में रेल हादसा होने पर घायलों को कोच से बाहर निकालने का प्रशिक्षण दिया गया है। आज गोल्डन ऑवर (नकली दुर्घटना के बाद का पहला घंटा) के दौरान प्रशिक्षुओं ने 145 यात्रियों को सफलता पूर्वक बचाया, जिनमें से प्रत्येक ने विभिन्न नकली चोटों का प्रदर्शन किया। इस अवसर पर अपर मंडल रेल प्रबंधक परीक्षित मोहनपुरिया, उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य सुरक्षा आयुक्त (रेसुब) संदीप रविवंशी आदि उपस्थित थे।