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डेढ़ घंटे में होगी टीबी की पहचान

इस वर्ष अक्टूबर तक कुल 16,87,727 संदिग्ध टीबी मरीजों की जांच की गई। इनमें 5,87,816 स्मीयर परीक्षण और 10,99,911 सीबीएनएएटी और ट्रूनैट परीक्षण थे।

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स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री दिनेश गुंडूराव ने गुरुवार को शहर के के. सी. जनरल सरकारी अस्पताल में टीबी (क्षय रोग) परीक्षण के लिए कार्ट्रिज बेस्ड न्यूक्लिक एसिड एम्पलीफिकेशन टेस्ट (सीबीएनएएटी) मशीन का उद्घाटन किया।

उन्होंने कहा कि सिंजेन्टा इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने अपने सीएसआर कोष के अंतर्गत लगभग डेढ़ करोड़ रुपए मूल्य की कुल सात मशीनें सार्वजनिक उपयोग के लिए प्रदान की हैं। इनमें से तीन मशीनें विजयनगर जिला, तीन मशीनें कोलार जिला और एक मशीन केसी जनरल अस्पताल को दी गई है। ये मशीनें अत्यंत सटीक परिणाम देने में सक्षम हैं और टीबी TB को शुरुआती चरण में ही पहचानने में मदद करती हैं।

पारंपरिक माइक्रोस्कोपिक जांच में शुरुआती अवस्था में टीबी की पहचान संभव नहीं हो पाती थी, क्योंकि उसमें 10,000/एमएल बेसिलाई होने पर ही बीमारी का पता चलता था। लेकिन सीबीएनएएटी मशीन की मदद से सिर्फ 137/एमएल बेसिलाई होने पर भी बीमारी की पहचान की जा सकती है। साथ ही, सिर्फ 90 मिनट में टीबी बैक्टीरिया का पता लगाया जा सकता है।

16 लाख से अधिक जांच

सीबीएनएएटी CBNAAT मशीनों के बढ़ते उपयोग से टीबी की शीघ्र पहचान, सही उपचार और संक्रमण रोकथाम में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। राज्य kARNATAKA में 145 सीबीएनएएटी मशीनें लगातार उच्च क्षमता के साथ काम कर रही हैं। हर मशीन प्रतिमाह 300 से 400 टेस्ट करती है। इस वर्ष अक्टूबर तक कुल 16,87,727 संदिग्ध टीबी मरीजों की जांच की गई। इनमें 5,87,816 स्मीयर परीक्षण और 10,99,911 सीबीएनएएटी और ट्रूनैट परीक्षण थे।