
Maha Corona: राज्य की पहली Plasma थेरेपी आर्थिक राजधानी मुंबई में, BMC के इस अस्पताल में सुविधा...
बेंगलूरु. प्रदेश में प्लाज्मा थेरेपी से कोरोना संक्रमित मरीज को ठीक करने में हाथ लगी पहली सफलता के चार दिन बाद चिकित्सकों को दूसरी सफलता हाथ लगी है। निगेटिव रिपोर्ट के बाद 38 वर्षीय इस महिला मरीज को विक्टोरिया कोविड-19 अस्पताल के आइसीयू से जनरल वार्ड में शिफ्ट किया गया है।
बेंगलूरु मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट की डीन व निदेशक डॉ. सीआर जयंती ने शुक्रवार को बताया कि हाई वायरल लोड के साथ मधुमेह पीडि़त इस मरीज को गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती किया गया था। 27 मई को प्लाज्मा थेरेपी दी गई थी। तब से मरीज की तबीयत में धीरे-धीरे लेकिन लगातार सुधार जारी है। वह हाई फ्लो ऑक्सीजन पर थी लेकिन दो जून से इसकी जरूरत नहीं पड़ी और ऑक्सीजन आपूर्ति बंद कर दी गई। फिलहाल उसे न्यूनतम ऑक्सीजन की जरूरत है। मरीज को गुरुवार को आइसीयू से जनरल वार्ड में शिफ्ट किया गया।
डॉ. जयंती ने बताया कि सब कुछ ठीक रहा तो अगले कुछ दिन में मरीज घर जा सकेगी। चिकित्सकों की टीम उसके स्वास्थ्य पर विशेष निगरानी बनाए हुए है। स्वास्थ्य मंत्री बी. श्रीरामुलू ने भी ट्वीट कर इसकी जानकारी के साथ चिकित्सकों को बधाई दी।
गौरतलब है कि इससे पहले प्लाज्मा थेरेपी से एक और मरीज ठीक हो चुका है। हुब्बल्ली स्थित कर्नाटक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (कीम्स) के चिकित्सकों ने दो जून को 65 वर्षीय पुरुष मरीज को ठीक कर यह उपलब्धि हासिल की थी। 28 मई को प्लाज्मा थेरेपी शुरू की गई थी। प्लाज्मा थेरेपी का सबसे पहला प्रयोग विफल रहा। पहले मरीज की 14 मई को विक्टोरिया अस्पताल में मौत हो गई
Published on:
05 Jun 2020 10:12 pm
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