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प्रधानमंत्री की सुरक्षा : SPG सुरक्षा दस्ते का हिस्सा बनेगा ‘मुधोल हाउंड’ श्वान

दो श्वानों को किया जा रहा प्रशिक्षित

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बेंगलूरु. प्रधानमंत्री Prime Minster Narendra Modi को सुरक्षा मुहैया कराने वाले विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) Special Protection Group (SPG) के दस्ते में पहली बार देसी नस्ल के Mudhol hounds श्वानों को शामिल किया जाएगा। राज्य के मुधोल हाउंड श्वान को एसपीजी में शामिल किए जाने की तैयारी चल रही है। दो महीने के दो श्वानों को प्रशिक्षित किया जा रहा है, जिसे एसपीजी के दस्ते में शामिल किया जाएगा। बागलकोट जिले के मुधोल तहसील में इस प्रजाति के श्वान पाए जाते हैं।


अधिकारियों के मुताबिक अप्रेल में ही एसपीजी की टीम को दो श्वानों को सौंप दिया गया था। मुधोल के तिम्मापुर स्थित कैनाइन रिसर्च एंड इंफॉर्मेशन सेंटर (सीआरआइसी) से एसपीजी की टीम दो महीने की उम्र के दो पिल्लों को ले गई थी। दोनों को अभी प्रशिक्षित किया जा रहा है। पहले दोनों को चार महीने सामान्य प्रशिक्षिण दिया जाएगा और उसके बाद विशेष तौर पर प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद दिखने में दुबले मगर लंबे कद के मुधोल हाउंड श्वान एसपीजी के दस्ते में शामिल होंगे।


गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेडियो पर प्रसारित अपने संवाद कार्यक्रम 'मन की बातÓ में कुछ समय पहले मुधोल हाउंड नस्ल के कुत्तों पर चर्चा की थी। ये श्वान अपने शिकार कौशल को लेकर विशेष पहचान रखते हैं। मोदी ने कहा था कि अगर इस नस्ल को घरों में पाला जाए तो देसी नस्ल को प्रोत्साहन मिलेगा।

सूंघने की विशिष्ट क्षमता
मुधोल हाउंड श्वानों की विशेषता यह है कि इस देशी नल्स के कुत्तों की सूंघने तथा शिकार करने की क्षमता बेमिसाल है। साथ में फुर्ती तथा चपलता के कारण राजा-महाराजाओं के जमाने में इस प्रजाति के कुत्तों का उपयोग शिकार करने के लिए किया जाता था। विदेशी नस्ल के कुत्तों की तुलना में इन कुत्तों को पालना आसान है।


तीन किमी तक दौडऩे में सक्षम
विदेशी नस्ल के कुत्तों की तुलना में मुधोल हाउंड काफी तेज तर्रार होते हंै। इन कुत्तों के जबड़े काफी मजबूत होने के कारण से एक बार इनके गिरफ्त में आए शिकार का छूटना आसान नहीं होता है। सूंघने की विशेष क्षमता के कारण कहीं भी छिपाए गए विस्फोटकों का ये कुत्ते आसानी से पता लगा सकते हैं। साथ में दौडऩे की क्षमता असाधारण होती है। ये कुत्ते लगातार तीन किलोमीटर तक दौड़ सकते हैं। इन कुत्तों का उपयोग सीमावर्ती क्षेत्रों में दुश्मनों पर निगरानी तथा जमीन पर बिछाए गए विस्फोटकों का पता लगाने के लिए किया जाता है। मुधोल हाउंड श्वानों को जम्मू-कश्मीर की सीमा पर तैनात किया गया है। एसपीजी की टीम ने तमिलनाडु के राजपालयम और उत्तर प्रदेश के रामपुर ग्रेहाउंड नस्ल के कुत्तों पर विचार करने के बाद मुधोल हाउंड को चुना।


वायुसेना में भी शामिल
मधुोल हाउंड को पिछले साल ही वायुसेना में भी शामिल किया गया था। इसके साथ ही सेना, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के दस्ते में भी मुधोल हाउंड नस्ल के श्वान शामिल हैं।


डाक विभाग जारी कर चुका है टिकट
ब्रिटिश शासन के दौर में यह नस्ल काफी मशहूर थी। मुधोल रियासत के महाराजा ने इंग्लैड के सम्राट जार्ज पंचम को इस नस्ल के दो कुत्ते भेंट में दिए थे। वर्ष 2005 में डाक विभाग ने इन कुत्तों पर डाक टिकट जारी किया था। इससे पहले डाक विभाग ने हिमालियन भेड़, रामपुर हाउंड व राजापाल्यम श्वानों पर भी टिकट जारी किया था।