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संपत्ति नहीं, संस्कारों की सुरक्षा करें: साध्वी भव्यगुणाश्री

प्रेस्टीज अपार्टमेंट में महामांगलिक

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संपत्ति नहीं, संस्कारों की सुरक्षा करें: साध्वी भव्यगुणाश्री

संपत्ति नहीं, संस्कारों की सुरक्षा करें: साध्वी भव्यगुणाश्री

बेंगलूरु. प्रेस्टीज अपार्टमेंट में महामांगलिक के अवसर पर साध्वी भव्यगुणाश्री ने कहा कि मंत्र से शांति, यंत्र से सफलता और तंत्र से तात्कालिक समृद्धि मिलती है। मनुष्य ही एक ऐसा प्राणी है जो संपूर्ण रूप में कर्मों का क्षय कर आत्म स्वरूप को प्राप्त कर सकता है। मनुष्य जीवन को सार्थक बनाने के लिए जिनेंद्र पूजा, गुरु उपासना, अनुकंपा, सुपात्र दान, जिनवाणी का श्रवण करना चाहिए। व्यक्ति को संपत्ति की नहीं, संस्कारों की सुरक्षा करनी चाहिए।

साध्वी शीतलगुणाश्री ने कहा,जीवन के उत्थान के लिए चार बातें आवश्यक हैं। रोग हो ऐसा खाओ मत, कलह हो ऐसा बोलो मत, कर्ज़ हो ऐसा खर्चो मत, पाप हो ऐसा काम करो मत। महामांगलिक का लाभ रोशनलाल निर्मला देवी गोखरू परिवार ने लिया। विनोद कुमार संघवी, उषा संघवी ने गुरु सप्तमी को रामचन्द्रपुरम आगमन का सकल संघ को आमंत्रण दिया।इस अवसर पर भीनमाल संघ अध्यक्ष जयंतीलाल चौहान, महेंद्र सेठ, प्रकाश कुंकुलोल, पारस भंसाली, सुनील कुंकुलोल, कालूमल धोका, उत्तम लोढा, कुंदनमल रामाणी, मनोज परमार, रमेश छाजेड़, हिमांशु छाजेड़, विशाल बोहरा, शीतल बनवट, संतोष जैन, सुशीला चौहान, ललिता सेठ, ममता छाजेड, वीणा दांतेवाडि़या, प्रमिला कुंकुलोल, विनिता बंबोरी व पूजा पहल उपस्थित रहे। लाभार्थी परिवार का बहुमान भव्य शीतल भक्त ग्रुप द्वारा किया गया। रमेश छाजेड़ ने बताया कि साध्वी 14 दिसंबर तक इटा गार्डन,वासुपूज्य स्वामी जैन संघ में रहेंगी।